सरकार ISI से बात कर सकती है, लेकिन विपक्षी नेताओं नहीं : प्रियंका

नई दिल्ली। Corona in India :  देश में कोरोना से भयावह स्थिति बन रही है। आज बुधवार को कोरोना के 3 लाख नए मामले सामने आए हैं। देश में अस्पतालों के बाहर का मंजर देखने लायक है न बेड बचे हैं और न ही ऑक्सीजन। दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र में सरकारें ऑक्सीजन की मांग कर रही है। कल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि लॉकडाउन आखिरी उपाय माना जाए और इस स्थिति को लॉकडाउन से नहीं बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्थाओं से संभाला जाए।

एक ओर जहां पीएम मोदी लॉकडाउन न लगाने की बात कर रहे हैं तो दूसरी ओर विपक्ष लगातार इस स्थिति को सुधारने की गुहार लगा रहा है। आज बुधवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार ISI से बात कर सकती है, तो विपक्षी नेताओं से क्यों बात नहीं कर सकती।

एक मीडिया टैनल से बात करते हुए प्रियंका गांधी ने सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा हर जगह से ऐसी रिपोर्ट आ रही हैं कि समझ में ही नहीं आ रहा कि ये सरकार क्या कर रही है? शमशान घाटों पर इतनी भीड़ लगी है, लोग कूपन लेकर खड़े हैं। हम इस स्थिति में सोच रहे हैं कि हम क्या करें। जो सरकार को करना चाहिए था, वो सरकार नहीं कर रही है।

प्रियंका गांधी ने कहा मैं सकारात्मक तरीके से कह रही हूं कि भगवान के लिए सरकार कुछ करे। उनके पास जितने संसाधन हैं उन्हें वो कोरोना की लड़ाई में लगाएं। अगर केंद्र सरकार अपना मन बनाए तो अभी भी ऑक्सीजन की सुविधा बनाई जा सकती है। पिछले 6 महीनों में निर्यात किए गए 1.1 mn रेमेडिसविर इंजेक्शन। आज हम कमी का सामना इसके ही कमी का सामना कर रहे हैं। सरकार ने 6 करोड़ टीके बी / डब्ल्यू जनवरी-मार्च में निर्यात किए। इस दौरान 3-4 करोड़ भारतीयों को टीका लगाया गया था। समझ में ये नहीं आ रहा है किपहले भारतीयों को प्राथमिकता क्यों नहीं दी गई? ‘

प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा पीएम को अब दिखाना होगा। उन्हें उस रैली के मंच से उतरने की जरूरत है जहां वह हंसी और मजाक करते हैं। उन्हें यहां आने की जरूरत है, लोगों के सामने बैठें, उनसे बात करें और उन्हें बताएं कि वह कैसे देश की जनता की जान बचाने जा रहे हैं ‘

मनमोहन सिंह द्वारा लिखे पत्र को लेकर प्रियंका गांधी ने कहा मनमोहन सिंह जी 10 साल के लिए देश के प्रधानमंत्री थे। हर कोई जानता है कि वह किस तरह के व्यक्ति है। यदि वह सुझाव दे रहे है और उस समय जब राष्ट्र महामारी का सामना कर रहा है, तो सुझावों को उसी गरिमा के साथ लिया जाना चाहिए जिसके साथ उन्हें मौजूदा सरकार को दिया था।

आपको बता दें कि मौजूदा समय में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी कोरोना पॉजिटिव हैं और साथ ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और नेता राहुल गांधी भी कोरोना से संक्रमित हैं।

 

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