- सत्र 2021 में डब्ल्यूबीयूटीटीईपीए के अधीनस्थ बीएड कॉलेजों के विद्यार्थी अब हिंदी में लिखेंगे प्रश्नपत्र के उत्तर
- डब्ल्यूबीयूटीटीईपीए की वाइस चांसलर प्रो. सोमा बंद्योपाध्याय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु का जताया आभार
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के उच्च शिक्षा विभाग (विकास भवन) द्वारा यह सूचना जारी की गयी कि डब्ल्यूबीयूटीटीईपीए (वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ टीचर्स ट्रेनिंग, एजुकेशन प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन) के अंतर्गत आनेवाले सभी सभी बीएड. कोर्स के छात्रों को अब अपनी परीक्षा हिंदी में भी लिखने की सुविधा दी जायेगी। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद हिंदीभाषी बीएड के छात्रों और शिक्षकों में काफी उत्साह व खुशी है, उनका कहना है कि राज्य सरकार ने यह बहुत ही सराहनीय कदम उठाया है, इससे राज्य के हिंदीभाषी शिक्षक समुदाय का वर्चस्व बढ़ेगा।
डब्ल्यूबीयूटीटीईपीए की वाइस चांसलर प्रो. सोमा बंद्योपाध्याय ने कहा कि इस यूनिवर्सिटी के अंतर्गत यहां 615 बीएड कॉलेज हैं। इसमें काफी छात्र हिंदी भाषी हैं। हमने अपनी ओर से पहल की और सरकार को एक महीने पहले यह प्रस्ताव भेजा था। इसको मंजूरी देकर हिंदी भाषी छात्रों को राज्य सरकार ने एक बड़ा तोहफा दिया है। अब तक वे अंग्रेजी में प्रश्नपत्रों का उत्तर लिखते थे, अब वे अपनी भाषा हिंदी में भी उत्तर लिख पायेंगे। अपनी मातृभाषा में लिखने से उनको बहुत सुविधा मिलेगी, उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा, हिंदी भाषी छात्रों के बीएड नतीजों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह सुविधा सत्र 2021-2023 के लिए लागू होगी।
इससे बीएड करनेवाले हिंदीभाषी छात्रों का आत्मविश्वास काफी बढ़ेगा अन्य हिंदीभाषी राज्यों में इसकी सुविधा है, लेकिन अब पश्चिम बंगाल में भी हमारी यूनिवर्सिटी को हिंदी में परीक्षा देने की मंजूरी मिली है। इस प्रस्ताव को मंजूरी देकर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंदी भाषी विद्यार्थियों के हित में एक सराहनीय कदम उठाया है।
प्रतीक सिंह (सहायक प्राध्यापक, रवींद्र भारती विश्वविद्यालय) ने कहा, सत्र 2021-2023 में दाखिला ले चुके विद्यार्थी अपनी पहली सेमेस्टर की परीक्षा (जनवरी- फरवरी) में हिंदी में लिख पायेंगे शिक्षा मंत्री ने हिंदी भाषी जनता विशेष कर हिंदी अध्ययन और अध्यापन से जुड़े लोगों के लिए यह एक अनुपम एवं अनूठा उपहार दिया है हिंदी भाषी विद्यार्थी मातृभाषा के माध्यम से तकनीकी शिक्षा ग्रहण करेंगे, बहुत सुखद खबर है।
डॉ सत्येंद्र पांडेय (असिस्टेंट प्रोफेसर, बैरकपुर, राष्ट्रगुरु सुरेंद्रनाथ कॉलेज) ने कहा, शिक्षा विभाग के इस फैसले के बाद हिंदी भाषी शिक्षक समुदाय काफी उत्साहित है। अब तक हिंदी भाषी छात्र अंग्रेजी में लिखते थे या बीएड करने के लिए दूसरे हिंदी प्रदेशों में चले जाते थे। अब उनको यह समस्या नहीं होगी, दूसरी बात यह है कि छात्र अपनी भाषा में बेहतर तरीके से अपनी बात व्यक्त कर पायेंगे, इसका अच्छा असर पड़ेगा।