ग्लोबल इंडिया एआई शिखर सम्मेलन 3-4 जुलाई 2024 का आगाज

भारत वैश्विक नवाचार का नेतृत्व व एआई तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए तत्पर
भारत एआई नवाचार में एक वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित होने की ओर आगे बढ़ रहा है- एडवोकेट के.एस. भावनानी

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर प्रौद्योगिकी की तीव्रता से उन्नत होती गतिविधियों में आज सबसे अधिक प्रभावशाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी आई है। जिस पर भारत अति तीव्र गति से काम कर रहा है और ग्लोबल साउथ को एआई मंचों पर अभिव्यक्त करके ग्लोबल नॉर्थ के साथ अंतर पाट रहा है और सभी के लिए एआई उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता के साथ नवाचार का नेतृत्व करने तथा एआई तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए तत्पर है ताकि सभी देशों की पहुंच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक हो और पूरे विश्व में मानव कल्याण में सबका योगदान हो। यह तभी संभव हो सकता है जब सभी देश और वहां के विशेषज्ञ, तकनीकिज्ञ, बुद्धिजीवी एक्सपर्ट और हित धारक एक मंच पर आकर अपनें तकनीकी सुझाव व विचार रखें। इसलिए ही, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के जिम्मेदार विकास, तैनाती और उसे अपनाने के प्रति भारत सरकार की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय नें 3 और 4 जुलाई, 2024 को नई दिल्ली में ‘ग्‍लोबल इंडिया एआई शिखर सम्मेलन’ को सफलता पूर्वक आयोजित किया।

इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य सहयोग और ज्ञान के आदान प्रदान को बढ़ावा देते हुए एआई प्रौद्योगिकियों के नैतिक और समावेशी विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर जोर देना था। शिखर सम्मेलन नें विज्ञान, उद्योग, नागरिक समाज, सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और शिक्षा जगत के अग्रणी अंतर्राष्ट्रीय एआई विशेषज्ञों को एआई के प्रमुख मुद्दों और चुनौतियों के बारे में परिज्ञान साझा करने के लिए एक मंच उपलब्‍ध कराया। इस आयोजन नें एआई की जिम्मेदार उन्नति, वैश्विक एआई हितधारकों के बीच सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के प्रति भारत सरकार के समर्पण पर जोर दिया है। ग्लोबल इंडिया एआई शिखर सम्मेलन 2024 के माध्यम से भारत अपने आप को एआई नवाचार में एक वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है, जो यह सुनिश्चित करता है कि एआई लाभ सभी के लिए सुलभ हों और वे राष्‍ट्र के सामाजिक आर्थिक विकास में योगदान दें। चूंकि भारत वैश्विक नवाचार का नेतृत्व सभी की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए तत्पर है, इसलिए आज हम पीआईबी में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, भारत एआई नवाचार में एक वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित होने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है।

साथियों बात अगर हम इंडिया एआई मिशन के बारे में जानने की करें तो, इंडिया एआई मिशन का उद्देश्य एक ऐसे व्यापक इकोसिस्‍टम का निर्माण करना है जो कंप्यूटिंग एक्सेस के प्रजातंत्रीकरण, डेटा की गुणवत्ता को बढ़ाकर, स्वदेशी एआई क्षमताओं को विकसित करके, शीर्ष एआई प्रतिभाओं को आकर्षित करके, उद्योग सहयोग को सक्षम करके, स्टार्टअप जोखिम पूंजी उपलब्‍ध कराकर सामाजिक रूप से प्रभावशाली एआई परियोजनाओं को सुनिश्चित करके और नैतिक एआई को बढ़ावा देकर एआई नवाचार को बढ़ावा देता हो। यह मिशन निम्नलिखित सात स्तंभों के माध्यम से भारत के एआई इकोसिस्‍टम के जिम्मेदार और समावेशी विकास को बढ़ावा देता है। यह ग्‍लोबल इंडिया एआई शिखर सम्मेलन का मुख्य विचार बिन्‍दु होगा। इंडिया एआई मिशन के प्रमुख स्तंभ।
(1) इंडिया एआई कंप्यूट क्षमता : सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से 10,000 से अधिक जीपीयू के साथ एक स्केलेबल एआई कंप्यूटिंग इकोसिस्टम की स्थापना करना। एक एआई मार्केटप्लेस एआई को सेवा और पूर्व-प्रशिक्षित मॉडल के रूप में उपलब्‍ध कराएगा जो आवश्यक एआई संसाधनों के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में कार्य करेगा।

(2) इंडिया एआई इनोवेशन सेंटर : स्वदेशी और बड़े मल्टीमॉडल मॉडल (एलएमएम) और डोमेन-निर्दिष्‍ट आधारभूत मॉडल विकसित करने और उन्‍हें तैनात करने पर ध्‍यान केंद्रित किया जा रहा है। ये मॉडल भारत के विविध उद्योगों और क्षेत्रों की विशिष्‍ट आवश्‍यकताओं को पूरा करेंगे।
(3) इंडिया एआई डेटासेट प्लेटफ़ॉर्म : एआई नवाचार के लिए उच्च गुणवत्ता वाले गैर व्यक्तिगत डेटासेट तक पहुँच को अच्‍छी तरह सेव्यवस्थित करना। एक एकीकृत डेटा प्लेटफ़ॉर्म भारतीय स्टार्टअप और शोधकर्ताओं के लिए सहज पहुँच उपलब्‍ध कराएगा, जिससे मजबूत एआई मॉडल के विकास करने में सहायता मिलेगी।

(4) इंडिया एआई अनुप्रयोग विकास पहल : केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य विभागों और अन्य संस्थानों के साथ समस्याओं का समाधान करके महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एआई अनुप्रयोगों को बढ़ावा देना। यह पहल बड़े पैमाने पर सामाजिक आर्थिक बदलाव के लिए प्रभावशाली एआई समाधान विकसित करने पर ध्‍यान केंद्रित करती है।
(5) इंडिया एआई फ्यूचर स्किल्स : विभिन्न शैक्षणिक स्तरों पर एआई पाठ्यक्रमों को बढ़ाकर और टियर 2 और 3 शहरों में डेटा और एआई लैब्स की स्थापना करके एआई शिक्षा में आ रही बाधाओं को कम करना। इससे देश में कुशल एआई पेशेवरों की एक स्थिर पाइपलाइन सुनिश्चित होती है।

(6) इंडिया एआई स्टार्टअप फाइनेंसिंग : वित्‍त पोषण तक सुव्यवस्थित पहुंच के साथ डीप-टेक एआई स्टार्टअप का समर्थन करना। जोखिम पूंजी और वित्तीय सहायता प्रदान करके, इस मिशन का उद्देश्य तकनीकी प्रगति और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाले एआई स्टार्टअप के एक जीवंत इकोसिस्‍टम का पोषण करना है।
(7) सुरक्षित एवं विश्वसनीय एआई : जिम्‍मेदार एआई परियोजनाओं के क्रियान्वयन, स्वदेशी उपकरण एवं रूपरेखाओं के विकास और नैतिक, पारदर्शी एवं विश्वसनीय एआई प्रौद्योगिकियों के लिए दिशानिर्देश स्थापित करने के माध्यम से जिम्‍मेदार एआई विकास सुनिश्चित करना।

साथियों बात अगर हम भारत में ग्लोबल इंडिया एआई शिखर सम्मेलन 3-4 जुलाई 2024 के आगाज की करें तो, शिखर सम्मेलन की मुख्य बातें और परिणाम इस प्रकार हैं।
(1) शिखर सम्मेलन में उपलब्‍धता से अधिक पंजीकरण आवेदन हुए। 2,000 एआई विशेषज्ञों और चिकित्सकों ने सत्रों में स्‍वयं भाग लिया और वर्चुअल भागीदारी 10,000 को पार कर गई।
(2) प्रत्येक सत्र में कई पहलुओं पर गहन और व्यावहारिक चर्चा हुई, जिसमें कार्यान्वयन में प्रमुख चुनौतियाँ, उपलब्ध पश्चिमी मॉडल, घरेलू मांग को पूरा करने और वैश्विक एआई नेतृत्व प्राप्त करने के लिए अपने एआई विषय को आकार देने की भारत की अनूठी आवश्यकता शामिल थी।

(3) भारत ने एआई उपलब्‍ध करने और इसे सभी के लिए सुलभ बनाने की सरकार की मंशा पर जोर देकर वैश्विक चर्चा की शुरुआत की।
(4) इंडिया एआई मिशन के प्रमुख स्तंभों पर सत्रों ने देश में एक समावेशी और मजबूत एआई इकोसिस्‍टम बनाने और वैश्विक एआई नवाचार का नेतृत्व करने के लिए भारत की योजनाबद्ध कार्रवाई और प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया।
(5) ग्‍लोबल साउथ देशों ने ग्‍लोबल एआई फोरम में उन्हें आवाज देने और ग्‍लोबल नॉर्थ के साथ अंतर को पाटने के लिए भारत की भूमिका को स्वीकार किया और उसकी सराहना की।

(6) वैश्विक भागीदारी पर सहयोगात्मक एआई (सीएआईजीपी) के आयोजन ने वैश्विक एआई विभाजन को दूर करने के लिए तंत्र की पहचान करने के लिए जीपीएआई सदस्यों, एआई विशेषज्ञों और उद्योग प्रतिनिधियों को एकजुट किया।
(7) ओईसीडी-ओसीडीई और जीपीएआई ने नई दिल्ली में एआई पर एक नई एकीकृत साझेदारी की घोषणा की।

(8) जीपीएआई के सदस्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वैश्विक साझेदारी के भविष्य के दृष्टिकोण के बारे में आम सहमति पर पहुंचे। भविष्य के दृष्टिकोण में शामिल कुछ प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:हमारे समाजों और अर्थव्यवस्थाओं के भविष्य को आकार देने में एआई की परिवर्तनकारी क्षमता को पहचानना, एआई प्रणालियों द्वारा उत्पन्न उभरते जोखिमों और चुनौतियों को स्वीकार करें।भरोसेमंद और मानव-केंद्रित एआई को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता साझा करें, एआई पर ओईसीडी अनुशंसा और एआई की नैतिकता पर यूनेस्को अनुशंसा के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता की पुष्टि करें। स्मरण करें कि जीपीएआई एआई पर वैश्विक बहु हितधारक सहयोग के लिए एक अनूठी पहल रही है। नई दिल्ली 2023 जीपीएआई मंत्रिस्तरीय घोषणा को मान्यता देना, जिसमें जीपीएआई की अद्वितीय और स्वतंत्र पहचान को एक नोडल पहल के रूप में महत्व दिया गया है जो एआई नवाचार और शासन पर वैश्विक सहयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

(9) कुल मिलाकर, शिखर सम्मेलन में गहन विचार-विमर्श हुआ और इसके परिणामस्वरूप इंडिया एआई मिशन के कई कार्यान्वयन पहलुओं पर गहरी जानकारी प्राप्त हुई, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ (क) भारत की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मल्टी-एलएलएम मॉडल, (ख) एआई तैयार डेटा का प्लेटफ़ॉर्मीकरण और मानकीकरण (ग) प्रौद्योगिकी नीति, रूपरेखा, अनुसंधान, औद्योगिक, स्टार्टअप, नैतिक युवा, व्यवसाय और शैक्षणिक दृष्टिकोण से इंडिया एआई मिशन को लागू करने के लिए साझेदार इकोसिस्‍टम और बहु-हितधारक दृष्टिकोण, और (घ) भारत की ताकत अर्थात इसके कुशल और प्रतिभावान इकोसिस्‍टम, मांग इकोसिस्‍टम, शोधकर्ता, स्टार्टअप और औद्योगिक इकोसिस्‍टम को एक साथ जोड़ना शामिल है।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि ग्लोबल इंडिया एआई शिखर सम्मेलन 3-4 जुलाई 2024 का आगाज भारत वैश्विक नवाचार का नेतृत्व व एआई तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए तत्पर। भारत एआई नवाचार में एक वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित होने की ओर आगे बढ़ रहा है।

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