चुनाव में छप्पा वोट का खेल, मतदान केंद्र पर मतदाताओं से अधिक संख्या में पड़े वोट, हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनाव के अजीबोगरीब मामले सामने आ रहे हैं। बुधवार को तीन ऐसे मतदान केंद्रों के बारे में पता चला है जहां मतदाताओं की संख्या से भी अधिक मतदान पड़ा है। एक मतदान केंद्र ऐसा है जहां मतदाताओं की संख्या 1488 है लेकिन करीब ढाई हजार वोटिंग हुई है। यानी यहां मतदान का प्रतिशत 100 फ़ीसदी से भी ज्यादा है। इसे लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट की जस्टिस अमृता सिन्हा ने आश्चर्य जाहिर किया।

उत्तर 24 परगना के हाबरा दो नंबर ब्लॉक के तीन मतदान केंद्रों पर 100 फ़ीसदी से अधिक वोटिंग हुई है। संजोग से इसमें से एक मतदान केंद्र पर मतगणना वाले दिन तृणमूल कांग्रेस के एक उम्मीदवार जब चार वोट से पीछे हो गए थे तो उन्होंने बैलट पेपर ही खा लिया था। उस उम्मीदवार का नाम महादेव माटी है। बाद में चुनाव आयोग ने उस मतदान केंद्र का मतदान ही रद्द कर दिया है। ऐसे ही मारिकबेरिया ग्राम पंचायत के 83 नगर मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या 1488 है लेकिन 2496 लोगों ने वोटिंग की है।

इसी ग्राम पंचायत के 71 नंबर मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या 1529 है लेकिन 1740 लोगों ने वोटिंग की है। इसी तरह से 68 नंबर मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या 1481 है लेकिन 2177 लोगों ने वोटिंग की है। इन तीनों मामलों में हाईकोर्ट ने स्थानीय बीडीओ से इस संबंध में लिखित में रिपोर्ट तलब की है। आगामी चार अगस्त तक रिपोर्ट जमा करनी है। 10 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई होगी।

विधायक की धमकी के बाद एक वोट से जीता तृणमूल उम्मीदवार, कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

इसी तरह से कुल्पी के रामकृष्णापुर दो नंबर ग्राम पंचायत इलाके में माकपा उम्मीदवार अर्पिता बनिक सरदार ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई है। उन्होंने दावा किया कि यहां मतगणना वाले दिन स्थानीय तृणमूल विधायक योग रंजन हालदार ने बीडीओ को धमकी दी थी। मतगणना वाले दिन पहले माकपा उम्मीदवार को विजई घोषित किया गया था लेकिन मतदान केंद्र के अंदर घुसकर विधायक की ओर से धमकी दिए जाने के बाद माकपा उम्मीदवार को एक वोट से पराजित घोषित कर दिया गया।

दावा है कि विधायक की धमकी के बाद बीडीओ ने हेर-फेर की थी। इस मामले में भी न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने रिपोर्ट तलब की है। मामले की अगली सुनवाई आठ अगस्त को होगी। न्यायाधीश ने पूछा कि मतदान केंद्र के अंदर तृणमूल विधायक कैसे घुसे, चुनाव आयोग के अधिकारियों को कोर्ट में आकर इस बारे में रिपोर्ट देनी होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

7 + eighteen =