1. बचपन में गांव में अजिया के हाथ की केवल दूध की बनी और खूब गुड़ डाली हुई गिलास भरकर तुलसी ‘चाह’ पी।
2. लालगंज टाउन आए तो अम्मा के हाथों की धीमी आंच में खूब उबली हुई, कम दूध की अदरक चाय पी।
3. चेन्नई में वायु सेना के प्रशिक्षण के दौरान स्टील का मग भरकर नाम मात्र के दूध और चीनी वाली ताम्बरम मेस की चाय पी।
4. जीवन संगिनी के चुनाव के समय ससुराल वालों द्वारा महंगे कप प्लेट में परोसी गई इलाइची वाली चाय पी।
5. बीदर के ईरानी होटल में, लंबी चौड़ी कद काठी वाली सुंदर ईरानी महिलाओं द्वारा परोसी गई ईरानी चाय पी।
6. हैदराबाद के अल्फा होटल और चारमीनार के आसपास की तमाम दुकानों में विशेष विधि से चाय का अर्क ऊपर से गिराकर बनाई हुई चाय पी।
7. कोलकाता के बैरकपुर में बिना दूध की, नींबू वाली काली चाय बीड़ी के साथ पी।
8. आसाम में बिल्कुल ताजी पत्तियों वाली बिल्कुल हल्के रंग वाली आसाम चाय पी।
9. चंडीगढ़ में पंजाबी फ्लेवर वाली मसाला चाय पी।
10. दिल्ली में संसद भवन के टी बोर्ड की चाय पी।
अभी हाल ही में भाग्यनगर यात्रा के दौरान सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन के ठीक सामने स्थित कामत होटल की 33.33 रुपए वाली यह ईरानी चाय पी। अगर भावनाओं को परे रख दिया जाए तो बिना किसी दबाव, लोभ और लालच के कह रहा हूँ कि कामत होटल की यह चाय अब तक मेरे द्वारा पी गई तमाम किस्म की चायों में सबसे बेहतर है। मैं तो चाय बनाने वाले रसोइये को बुलाकर उसका हाथ चूमना चाहता था लेकिन फिर यह सोच कर बस साथ में फोटो खिंचवाकर संतोष कर लिया कि कहीं लोग मुझे ‘एलजीबीटी’ न समझ लें।
#चाय इज लव
(विनय सिंह बैस)
चाय प्रेमी