संघर्ष के संकल्प के साथ संपन्न हुआ इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन का स्थापना दिवस

98 वें एजीएम में महत्वपूर्ण विषयों पर मंथन

तारकेश कुमार ओझा, कोलकाता । 1922 में स्थापित इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन का शतवार्षिकी समारोह सह 98वीं वार्षिक साधारण सभा रविवार को कोलकाता प्रेस क्लब के प्रेक्षागृह में संपन्न हुआ। समारोह में पश्चिम बंगाल के कृषि मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय, जल संपदा मंत्री डॉ. मानस भुइयां, पूर्व सांसद व मंत्री मनीष गुप्ता, अभिनेता विश्वनाथ बसु, वरिष्ठ पत्रकार सुमन भट्टाचार्य, सुमित चौधरी, देव ज्योति लाहा, किंशुक प्रमाणिक, तापस घोष, इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सबा नायकन, उपाध्यक्ष सुदीप्त सेनगुप्ता व तारकनाथ राय, महासचिव शेखर सेनगुप्ता सचिव देवाशीष दास, सहायक सचिव कमलेश पांडेय व अब्दुल ओदुद, कोषाध्यक्ष सुप्रियो बंद्योपाध्याय व सदस्यों में श्यामल मुखर्जी, तापस घोष, अमिताभ दास शर्मा, कृष्ण दास पार्थ, सुखेंदु आचार्य, राणा मुखर्जी, तापस बोस, प्रभात घोष।

आदित्य नारायण चौधरी, जय प्रकाश दास, जगन्नाथ भौमिक, श्यामल नस्कर, झरना धर, मोहम्मद वाजिद, अमीनुर रहमान, रबिन चटर्जी, जयंत दत्ता, पूर्णेंदु चक्रवर्ती, गोसाई चंद्र दास, शिखा देव समेत बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। अपने संबोधन में वक्ताओं ने कहा कि आज देश जहां आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, वहां इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन का स्थापना का सौ साल मनाना बड़ी बात है। आज पत्रकार चौतरफा चुनौतियों व खतरों से जूझ रहे है। सबसे बड़ी असुरक्षा आर्थिक है, छोटी सी गलती पर भी पत्रकारों को नौकरी से निकाला जा सकता है। उनकी तनख्वाह आधी की जा सकती है। औपचारिक सभा के बाद आय-व्यय लेखा-जोखा, सचिवीय प्रतिवेदन और नई कमेटी का गठन किया गया।

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