- वकील के मौत के कारण नहीं हुई सुनवाई
Kolkata Hindi News, कोलकाता। नारद स्टिंग आपरेशन कांड में तृणमूल के कद्दावर नेता व मंत्री तथा कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम और कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी अपनी महिला मित्र बैसाखी बंदोपाध्याय के साथ कोलकाता के सिटी सेशन कोर्ट में पहुंचें थे। पूर्व मेयर शोभन चटर्जी अपनी करीबी महिला मित्र बैशाखी बनर्जी के साथ पहुंचे थे।
हालांकि सिटी सेशन कोर्ट में एक वकील की मृत्यु के कारण अदालत ने उस दिन सुनवाई नहीं की। कोर्ट के आदेश के अनुसार मेयर फिरहाद हकीम निर्धारित समय सुबह 10 बजे उपस्थित हुए थे. इसके बाद भी पूर्व मंत्री और मेयर शोभन चट्टोपाध्याय बैसाखी बंदोपाध्याय के साथ कोर्ट में पेश होने आये. उनकी कोर्ट में पेशी के बावजूद सुनवाई नहीं हुई.
नारद मामले में अगली सुनवाई 10 जून को होगी है. किसी ने भी इस मामले पर बात नहीं की. हालांकि, ये दोनों पहले ही कह चुके हैं कि सब कुछ राजनीतिक साजिश है।
आपको बता दें कि नारद कांड में सीबीआई ने मंत्री फिरहाद हकीम, दिवंगत मंत्री व नेता सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर शोभन चटर्जी की गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में कलकत्ता हाई कोर्ट से सभी को सशर्त जमानत मिल गई थी। बताते चलें कि 2016 के विधानसभा चुनाव के दौरान नारद स्टिंग का टेप सामने आया था।
जिसमें तृणमूल एक करीब एक दर्जन नेता, मंत्री, सांसद और विधायक के अलावे एक आईपीएस अफसर को रुपये लेते हुए वीडियो बनाया गया था। इसके बाद हाई कोर्ट ने मामले की सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे।
बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने भी जांच शुरू कर दी है। इस कांड में फंसे दो प्रमुख नेता सुब्रत मुखर्जी और सुल्तान अहमद की मौत हो चुकी है।
यह मामला 2016 का है। 2016 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नारद न्यूज पोर्टल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मैथ्यू सैमुएल ने एक स्टिंग वीडियो जारी कर बंगाल की राजनीति में हलचल मचा दी थी।
स्टिंग में सैमुएल एक कंपनी के प्रतिनिधि के तौर पर तृणमूल कांग्रेस के 7 सांसदों, 3 मंत्रियों और कोलकाता नगर निगम के मेयर शोभन चटर्जी को काम कराने के बदले में मोटी रकम देते नजर आ रहे थे।
इस स्टिंग को ममता बनर्जी ने साजिश करार दिया था, जबकि विपक्षियों को ममता के खिलाफ एक बड़ा हथियार मिल गया था। साल 2017 में कोलकाता हाईकोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा था। वर्ष 2014 में कथित अपराध के समय ये सभी मंत्री थे।
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