तारकेश कुमार ओझा, Kharagpur : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर ग्रामीण चिकित्सकों को एक दिन प्रशिक्षण दिया गया, जिससे ग्रामीण चिकित्सकों का उपयोग कोरोना नियंत्रण में किया जा सके लेकिन एक दिन के प्रशिक्षण के बाद सब ठप पड़ गया। इससे कैसे काम चलेगा । खड़गपुर तहसील के बेलदा में बुधवार को किए गए आंदोलन में यह बात ग्रामीण चिकित्सकों ने कही। प्रदर्शन राज्य के दो बड़े ग्रामीण चिकित्सक संगठन प्रोग्रेसिव मेडिकल प्रैक्टिसनर एसोसिएशन आफ इंडिया तथा प्रोग्रेसिव रूरल मेडिकल वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से किया गया था।
नारायणगढ़ बी डी ओ आफिस में स्मार पत्र जमा करने के साथ ही दोनों संगठनों के पदाधिकारियों ने बेलदा थाना प्रभारी और बी एम ओ एच से मुलाकात भी की। पदाधिकारियों ने कहा कि कहां तो ग्रामीण चिकित्सकों को कोविड नियंत्रण के काम में लगाने की बात थी। लेकिन सच्चाई यह है कि हमारी सुरक्षा को लेकर भी प्रशासन उदासीन है। जरूरत युद्ध स्तर पर चिकित्सकों को वैक्सीन देने की है। यही नहीं सुरक्षा के तमाम अन्य उपकरण भी देने होंगे।
गांव – देहात में हम रात – दिन लोगों के उपचार में लगे हैं , लेकिन सरकार को हमारी कोई चिंता नहीं। शासन की ओर से कहा गया कि इस बाबत फिलहाल कोई आदेश नहीं मिला है। निर्देश मिलने पर कदम उठाया जाएगा। वहीं एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई नहीं होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी ग्रामीण चिकित्सकों की ओर से दी गई।