नई दिल्ली : केंद्र सरकार की ओर से पारित किए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को एक दिन की भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेताओं ने अपना अनशन समाप्त कर दिया है। उन्होंने गुरु नानक देव की अरदास के बाद अपना उपवास समाप्त किया।
किसान नेताओं ने गाजीपुर जैसे दिल्ली के अन्य बॉर्डर पर डटे किसान नेताओं से भी अपील की कि वे अपनी दिन भर की भूख हड़ताल को समाप्त करें। उन्होंने इस दौरान गुरबानी का पाठ भी किया।
सिंघु बॉर्डर पर विरोध स्थल पर वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह के नारे गूंजते सुनाई दिए और इन्हीं नारों के साथ किसानों ने अपना अनशन समाप्त किया।
अपनी हड़ताल खत्म करने के बाद, किसान नेताओं ने पानी पिया और सेब और संतरे जैसे फल खाए।
उन्होंने सोमवार की सुबह आठ बजे अपना उपवास शुरू किया था।
अनशन पर बैठने वालों में हरियाणा के गुरनाम सिंह चढ़ूनी, पंजाब के हरिंदर सिंह लखोवाल और संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 30 से अधिक किसान यूनियनों के नेता शामिल रहे।
किसान संगठन कृषक (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार अधिनियम 2020, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम 2020 का विरोध कर रहे हैं और इन्हें वापस लेने की मांग कर रहे हैं।