प्रतीकात्मक फोटो, साभार : गूगल

मुजफ्फरनगर : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में एक किसान का शव पेड़ से लटका मिला और अधिकारियों को संदेह है कि व्यक्ति ने आत्महत्या की है। किसान कोरोना वायरस महामारी के बीच लागू बंद की वजह से कथित तौर पर अपना गन्ना नहीं बेच पाया था।  इस घटना से दुखी किसानों ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन करते हुए मांग की है कि इस संबंध में चीनी मिल अधिकारियों के खिलाफ किसानों से गन्ना खरीदने में विफल रहने को लेकर मामला दर्ज किया जाए।

गुस्साए किसानों ने सड़क जाम कर दी और मांगें पूरी होने तक शव का दाह संस्कार करने से इनकार कर दिया।
पुलिस के अनुसार भोराकलां थाने के सिसोली गांव का रहने वाला ओमपाल सिंह अपने खेत पर गया था और शाम में उसका शव पेड़ से लटका हुआ मिला। किसान के परिवार ने पुलिस को बताया कि वह बंद के कारण गन्ने की फसल नहीं बेच पाया था जिसकी वजह से वह अवसाद में था।

हालांकि अधिकारियों ने इस दावे से इनकार किया है कि किसान ने गन्ने की बिक्री नहीं होने की वजह से आत्महत्या की है।  जिला मजिस्ट्रेट सेल्वाकुमारी जे ने कहा कि प्राथमिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि किसान ने जमीन को लेकर हुए पारिवारिक विवाद की वजह से आत्महत्या की है। मजिस्ट्रेट ने कहा कि मिलों में गन्ने की खरीद पर कोई रोक नहीं थी।

किसानों के इस विरोध प्रदर्शन में राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय सचिव राजपाल बाल्यान और राज्य के पूर्व मंत्री योगराज सिंह भी शामिल हुए।  इसी बीच भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) प्रमुख नरेश टिकैत ने कहा कि बंद के दौरान उत्पादों का उचित मूल्य नहीं मिलने की वजह से किसान वित्तीय दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। टिकैत ने किसानों के लिए बिजली शुक्ल के बकाए और अन्य बकाए को पूरी तरह से समाप्त करने की मांग की है।

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