काली दास पाण्डेय, मुंबई। भारतीय सिने जगत के प्रसिद्ध फिल्म लेखक, निर्देशक व एक्टर प्रयाग राज का शनिवार (23 सितम्बर) को शाम चार बजे निधन हो गया। अपना कैरियर उन्होंने ‘पृथ्वी थियेटर’ से शुरू किया था। पृथ्वी थिएटर के बाद प्रयाग राज को लेखन का पहला काम 1963 में आई फिल्म ‘फूल बने अंगारे’ में मिला। लेखक के रूप में उन्होंने 35 से ज्यादा फिल्में लिखीं। जिनमे अमिताभ बच्चन की अजूबा, गंगा जमुना सरस्वती, मर्द, गिरफ्तार, कुली, नसीब, सुहाग, अमर अकबर एंथोनी जैसी फिल्में शामिल हैं।
शम्मी कपूर की सुपरहिट फिल्म जंगली के प्रसिद्ध गाने ‘चाहे कोई मुझे जंगली कहे…’ के शुरुआत में आने वाला नोट ‘याहू’ प्रयाग राज की आवाज में है। सुपर स्टार राजेश खन्ना की सुपरहिट फिल्म ‘सच्चा झूठा’ में प्रयाग राज ने चाय वाले का किरदार निभाया था। 1970 से 1990 के दशक में हिंदी फिल्मों के सबसे सफल लेखक के रूप में चर्चित प्रयाग राज फिल्म लेखन के साथ एक्टिंग, डायरेक्शन, गायन से लेकर गीत लिखने तक में हाथ आजमाया।
वह कुछ अंतरराष्ट्रीय फिल्मों का भी हिस्सा भी थे। लेकिन उनकी सबसे खास पहचान अमिताभ बच्चन की कुछ बेहद कामयाब फिल्मों के कहानीकार और स्क्रिप्ट राइटर के रूप में बनी। उनका जन्म इलाहाबाद में हुआ था। उनका नाम अपने शहर पर ही रखा गया था। उनके पिता राम दास आजाद अपने समय के प्रसिद्ध कवि थे। बतौर निर्देशक अपनी पहली फिल्म ‘कुंदन’ प्रयाग राज ने शत्रुघ्न सिन्हा को लेकर बनाई थी। इसके बाद पाप और पुण्य, पोंगा पंडित, चोर सिपाही जैसी फिल्में भी डायरेक्ट की थी।