तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : कोरोना काल में वैक्सीन ” अमृत ” का रूप ले चुकी है। इन दिनों हर राज सुबह पौ फटने से पहले ही इंसान का यह ” अमृत छकने ” का विकट संघर्ष शुरू हो जाता है । लेकिन इसी के साथ तरह-तरह की विडंबनाएं भी लगातार देखने को मिल रही है। कहीं कड़ी मशक्कत के बाद बारी आने पर आवेदक को पता लगता है कि उसके नाम पर पहले ही किसी को वैक्सीन दी जा चुकी है , तो कहीं नाम या नंबर गलत होने से आवेदक को भीषण परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
खड़गपुर शहर के भगवानपुर निवासी बाल गोविंद तिवारी के साथ और भी विचित्र घटना हुई है । उन्होंने खुद वैक्सीन लेने के लिए सरकार से ऑनलाइन आवेदन किया था । लेकिन हाल में उन्हें मोबाइल पर जो मैसेज मिला है , उसमें उनकी जगह उनके स्वर्गीय पिता का नाम लिखा है , जिन्हें स्वर्ग सिधारे अरसा बीत चुका है।
बातचीत के क्रम में तिवारी ने कहा कि ऑनलाइन आवेदन में आधार कार्ड का हवाला था । जिस पर उनके स्व. पिता का नाम सूरजपाल तिवारी उल्लेखित है । पता नहीं शासन से कहां गलती हुई । उन्हें मोबाइल पर जो मैसेज मिला है वह पिता के नाम से जारी हुआ है जिसमें उनसे 10 जुलाई को राजकीय अस्पताल आकर वैक्सीन लेने को कहा गया है।
तिवारी ने कहा कि ‘ समझ नहीं पा रहा हूं कि लंबी प्रतीक्षा के बाद बारी आने के बावजूद तय तारीख को मुझे वैक्सीन मिल पाएगी या नहीं। यदि गलत नाम का हवाला देकर स्वास्थ्य विभाग ने वैक्सीन देने से इन्कार किया तो क्या होगा। ‘ दूसरी तरफ शासकीय अधिकारियों ने फौरी तौर पर इस बारे में कुछ कह पाने में असमर्थता व्यक्त की।