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नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई सहित चार अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज मामले से बरी कर दिया गया है। पुलिस का कहना है कि विवेचना में चारों के खिलाफ कोई पुष्टिकारक साक्ष्य न मिलने पर उनकी नामजदगी गलत पाई गई है। इसके अलावा अन्य 14 आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे की विवेचना प्रचलित रहेगी। इस बाबत शुक्रवार को एसएसपी अमित पाठक ने एक वीडियो जारी कर पूरे मामले पर स्पष्टीकरण जारी किया है। एसएसपी ने बताया कि विवेचना में गूगल के सीईओ और गूगल इंडिया से जुड़े तीन लोगों के खिलाफ कोई पुष्टिकारक साक्ष्य नहीं मिला है। इसलिए उनके खिलाफ पुलिस अब जांच नहीं करेगी। शेष अन्य आरोपियों के खिलाफ विवेचना प्रचलित है।
दरअसल गूगल जैसी वैश्विक कंपनी के शीर्ष अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद शीर्ष अधिकारियों के संज्ञान में मामला आ गया। आनन फानन इस मामले की विवेचना कर उनका नाम मुकदमे से हटा दिया गया। ज्ञात हो कि गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, गूगल के डायरेक्टर और प्रबंधक को भी नामजद करते हुए भेलूपुर क्षेत्र के गौरीगंज निवासी गिरिजा शंकर जायसवाल ने तहरीर दी थी। उनहोंने बताया कि व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये एक वीडियो में गाजीपुर के नोनहरा के विशुनपुरा निवासी विशाल गाजीपुरी उर्फ विशाल सिंह उर्फ बादल, पत्नी सपना बौद्ध समेत अन्य ने पीएम पर विवादित गीत गाया है।
वीडियो को फेसबुक पर डालकर आर्थिक मदद भी इन दिनों मांगी जा रही है। फोन करने पर विशाल गाजीपुरी से आपत्ति जताई तो विशाल ने धमकी समझकर गिरिजाशंकर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। गिरिजाशंकर के मुताबिक उनका मोबाइल नंबर वीडियो के साथ जोड़कर यू-ट्यूब वीडियो के साथ डाल दिया गया। इसके बाद विशाल के समर्थकों ने फोन कर उन्हें धमकी देना शुरू कर दिया था। इससे आजिज आकर उन्होंने भेलूपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।