मानव जीवन का अस्तित्व खतरे में
सहस्त्राब्दी वर्ष से संचालित एवं नीति आयोग भारत सरकार से संबद्ध एनवायरमेंट एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी खजुराहो मध्यप्रदेश एवं अग्रवाल कन्या महाविद्यालय के राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में देश विदेशों के विश्वविद्यालय तथा 36 शैक्षणिक संस्थाओं के साथ मिलकर कोविड 19 के कारण विश्व पर्यावरण दिवस कार्यक्रम ऑनलाइन माध्यम से आयोजित किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफ़ेसर गंगाराम जाखड़ पूर्व कुलपति महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर तथा विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर बी. आर. बामनिया पृथ्वी विज्ञान विभाग मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर अग्रवाल शिक्षण संस्थान अध्यक्ष ओम प्रकाश गुप्ता धर्म कांटा एवं प्रोफेसर एल एन हर्ष जोधपुर ने इस संबंध में उद्बोधन दिया।
मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में बताया कि पर्यावरण दिन प्रतिदिन नष्ट होता जा रहा है वन क्षेत्र सिमटते जा रहे है। उन्होंने कार्बनिक प्लास्टिक द्वारा वातावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में चिंता व्यक्त की । संस्थान अध्यक्ष ने सभी जुड़े हुए सदस्यों का स्वागत करते हुए पर्यावरण की सुरक्षा को जीवन के लिए महत्वपूर्ण बताया तथा प्रदूषण को पर्यावरण के लिए खतरा बताया। ईएसडब्ल्यू सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ अश्वनी कुमार दुबे ने बताया कि यदि मानवीय हस्तक्षेप ईकोसिसटम के साथ इसी तरह से चलता रहा तो आगामी समय में मानव का जीवन संकट से घिर जाएगा हमें खाद्यान जल तथा पौधों का संरक्षण करना नितांत आवश्यक है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ स्वाति संवत्सर निदेशक जलश्री जलगांव महाराष्ट्र ने किया इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ जयंत चौधरी आसाम ने अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरणविदों को मंच साझा करने के लिए मिश्र, बांग्लादेश, सूडान, इंडोनेशिया, मलेशिया, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका, इजिप्ट व अन्य कई देशों से आमंत्रित किया । कार्यक्रम में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरणविदों ने अपने अपने बहुमूल्य विचार व्यक्त किए। अग्रवाल शिक्षण संस्थान महामंत्री पंकज कुमार गुप्ता मंगलम ने कार्यक्रम के द्वारा महाविद्यालय की छात्राओं को पर्यावरण संबंधित जानकारी देने के लिए मंचासीन सदस्यों का आभार व्यक्त किया । कार्यक्रम में दर्जनों विषय विशेषज्ञों ने पर्यावरण संबंधी अपने विचार व्यक्त किए तथा देश के विभिन्न भागों से लगभग दो हजार से अधिक प्रतिभागियों ने ऑनलाइन सोसल मीडिया पर भाग लेकर इस आयोजन से लाभांवित हुए।
सभी पर्यावरणविदों ने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वैश्विक तापमान, जलवायु परिवर्तन, खाद्य संकट, कार्बनिक प्लास्टिक प्रदूषण को अप्रत्यासित माननीय हस्तक्षेप एवं बढ़ती हुई जनसंख्या को उत्तरदाई माना तथा पृथ्वी पर जीवन को कायम रखने के लिए पर्यावरण की सुरक्षा को महत्वपूर्ण बताया । कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय प्राचार्य डॉ सत्य प्रकाश मेहरा ने सभी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े हुए सदस्यों तथा प्रतिभागियों का आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया तथा सभी चर्चाओं को समग्र रूप से पुस्तक के माध्यम से प्रकाशित करने की घोषणा की। कार्यक्रम के संचालन में तकनीकी रूप से डॉ संजय चौबे प्रकाश चंद्र शर्मा दिनेश कुमार गुप्ता ने सहयोग किया।