प्रख्यात पत्रकार विनोद दुआ नहीं रहे, पत्रकारिता जगत में शोक की लहर

नयी दिल्ली। जाने-माने पत्रकार विनोद दुआ का शनिवार को यहां अपोलो अस्पताल में देहावसान हो गया। वह 67 वर्ष के थे। उनके परिवार में दो पुत्री हैं।दुआ की पुत्री मल्लिका दुआ ने बताया कि उनके पिता का अपराह्न करीब साढ़े चार बजे देहांत हुआ। उनकी कल दोपहर यहां लोधी श्मशान गृह में अंत्येष्टि की जायेगी। दुआ को लीवर में संक्रमण के कारण कुछ दिनों पूर्व परमानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, पिछले पांच दिनों से उनका अपोलो अस्पताल के सघन चिकित्सा कक्ष में उपचार चल रहा था।

दुआ मई में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे। उसके बाद से उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आती गई। उनकी पत्नी चैन्ना दुआ का कोविड-19 के संक्रमण के कारण 11 जून को निधन हो गया था। हंसमुख और जिंदादिल पत्रकार श्री दुआ देश में टेलीविजन पत्रकारों की पहली पीढ़ी के प्रसिद्ध नामों में शामिल थे। उन्होंने दूरदर्शन, एनडीटीवी और सहारा समाचार चैनल में काम किया। उन्हें 1996 में रामनाथ गोयनका पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित किया और यह सम्मान पाने वाले वह पहले टीवी पत्रकार थे। मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल में उन्हें 2008 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया।

दुआ ने एनडीटीवी के संस्थापक डॉ प्रणव रॉय के साथ दूरदर्शन पर लंबे समय तक चुनाव विश्लेषण के कार्यक्रम प्रस्तुत किये। 1985 में सरकार के मंत्रियों से सीधे सवाल का एक कार्यक्रम ‘जनवाणी’ प्रस्तुत किया। दुआ का जन्म 11 मार्च 1954 को हुआ था। उनका परिवार पाकिस्तान के डेरा इस्माइल खान से विभाजन के वक्त दिल्ली आया था। उन्होंने दिल्ली के हंसराज कालेज से स्नातक तक शिक्षा प्राप्त की और दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में एम ए की डिग्री हासिल की। वह स्ट्रीट थियेटर ग्रुप के सक्रिय सदस्य रहे।

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