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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार में वित्तीय भ्रष्टाचार की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को एक और नया खुलासा किया है। इसी मामले में हाल ही में गिरफ्तार किए गए अयन सील से पूछताछ में पता चला है कि वह ना केवल हाईस्कूल अथवा नगर पालिकाओं में बल्कि प्राथमिक स्कूलों में भी शिक्षकों की नौकरी लगवाने के लिए पक्का एजेंट था। ऐसे कम से कम 10 प्राथमिक शिक्षकों के बारे में जानकारी मिली है जिन्होंने अयन सील को रुपये दिए थे जिसके बाद उनकी नौकरी लगी। इनमें से अधिकतर हुगली के रहने वाले लोग हैं।
अब तक प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में धांधली के सरगना पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और माणिक भट्टाचार्य को बताया जा रहा था लेकिन अब पता चला है कि अयन सील की भी सांठगांठ बेहद मजबूत थी। इससे पहले पता चला था कि सील ने ओएमआर शीट में छेड़छाड़ करने के लिए कई फार्मूला इजाद किया था। जो उम्मीदवार अच्छी तरह से परीक्षा देते थे और पास हो जाते थे वे भी अगर अयन को रुपये नहीं देते थे तो उन्हें फेल किया जाता था। इसके लिए उसके ओएमआर शीट में जहां उसने सही उत्तर पर टिक किया है वहीं पास में गलत उत्तर पर टिक करके उसका नंबर कम कर दिया जाता था।
उनकी जगह पर जो लोग सील को रुपये दिए रहते थे उनका ओएमआर शीट गलत की जगह सही पर टिक करके नंबर बढ़ा कर नौकरी दे दी जाती थी। मार्किंग के लिए पेंसिल का इस्तेमाल किया जाता था और नियुक्ति पैनल में शामिल लोगों को यह कोड वर्ड बता दिया जाता था। ऐसे ही नगर पालिका और पुलिस की नियुक्ति में भी की गई है। एक हजार नौकरी उम्मीदवारों के पास से सील ने करीब 45 करोड़ रुपये की वसूली की है। उससे और अधिक पूछताछ की जा रही है। उल्लेखनीय है कि सील फिलहाल ईडी की हिरासत में है। 11 अप्रैल तक उसे हिरासत में भेजा गया है।