मालदा की खबरों पर एक नजर…

अंचल तृणमूल अध्यक्ष पर लगा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पिटाई का आरोप

मालदा। मालदा के कालियाचक 1 ब्लॉक के नवदा यदुपुर क्षेत्र के तृणमूल अध्यक्ष बकुल शेख पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पिटाई का आरोप लगा है। सुजापुर की पूर्व कांग्रेस विधायक ईशा खान चौधरी ने वीडियो फुटेज दिखाकर पत्रकार वार्ता में यह शिकायत की। जिला कांग्रेस अध्यक्ष अबू हसीम खान चौधरी ने कालियाचक थाने में तृणमूल नेता बकुल शेख के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई है। घटना को लेकर कांग्रेस की पूर्व विधायक ईशा खान चौधरी ने कहा, “हमारे कार्यकर्ताओं को पीटा जा रहा है। उन्हें डराया जा रहा है।” हमने पुलिस को सबूत दिए। हालांकि बकुल शेख की इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

वहीं जिला तृणमूल अध्यक्ष अब्दुर रहीम बख्शी ने शिकायत से इनकार किया। उन्होंने कहा कि इलाके में कांग्रेस का कोई नहीं है किसे मारेंगे। क्षेत्र में हर कोई तृणमूल है। ईशा खान चौधरी ने कहा कि जिले के अलग-अलग हिस्सों से तृणमूल छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने का सिलसिला जारी है। इसलिए तृणमूल ब्लॉक अध्यक्ष बकुल शेख कार्यकर्ताओं को डर दिखा रहे हैं। कार्यकर्ताओं की पिटाई के संबंध में थाने में शिकायत की गई है। हम आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं। दक्षिण मालदा संगठनात्मक जिले में भाजपा के महासचिव अमलान भादुड़ी ने कहा कि चोरी और भ्रष्टाचार के कारण लोग विभिन्न दलों में शामिल हो रहे हैं। इसलिए कहीं पुलिस के साथ तो कहीं अंदर ही अंदर तरह-तरह के हमले कर रहे हैं।

दरअसल, तृणमूल कांग्रेस के लोग डरे हुए हैं। इसलिए वह डर का माहौल बनाना चाहता है। ताकि लोग किसी तरह का विरोध न कर सकें। जिला तृणमूल अध्यक्ष अब्दुर रहीम बख्शी ने कहा, “मुझे नहीं पता कि भारत की मौजूदा सरकार संवैधानिक है या असंवैधानिक।” ममता बनर्जी हर दिन लोगों के लिए काम कर रही हैं और उन्हें चोर-चोर कहा जाता है। आप कहेंगे कि यह संवैधानिक है या नहीं। चोर कहने वाले कैसे ममता बनर्जी का फायदा उठा रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पिटाई को लेकर उन्होंने कहा कि क्या मालदा जिले में कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं कि उन्हें हराना है? मुट्ठी भर लोग झंडे लेकर घूम रहे हैं। सभी तृणमूल कांग्रेस के लोग हैं।

जमीन पर कब्जा करने को लेकर दो परिवारों में हिंसक झड़प, 7 घायल

मालदा। घर की जमीन को लेकर दो परिवारों के बीच संघर्ष। लाठी डंडों के साथ चला हसुए से लगातार हमला। इस हमले में दोनों पक्षों के 7 लोग घायल हो गये है। घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस घटना से मालदा के चांचल थाना क्षेत्र का सुति इलाका गरमाया हुआ है। मारपीट की घटना में दोनों पक्षों की ओर से चांचल थाने में लिखित शिकायत दर्ज करायी गयी है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस घटना की जांच में जुट गयी है। पुलिस और स्थानीय सूत्रों के अनुसार सूती इलाके की रहने वाली अंजुरा बीबी और सफी चौधरी के बीच जमीन का विवाद काफी पुराना है। आरोप है कि बीती रात सफी चौधरी और सतनु चौधरी ने जबरदस्ती अंजुरा के घर पर कब्जा करने की कोशिश की।

आरोप है कि इस घटना में अंजुरा बीबी, उनके पति और बेटे के साथ सफी और सतनु ने हसुआ लेकर मारपीट की। हसुआ के लगातार वार में अंजुरा बीबी अपने बेटे व पति समेत गंभीर रूप से घायल हो गई। ग्रामीणों ने आनन-फानन में उन्हें बचाकर चांचल सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पहुंचाया। फिलहाल उनका वहां इलाज चल रहा है। दूसरी ओर, सतनू और सफी चौधरी के परिवार ने भी उनको पीटे जाने का आरोप अंजुरा बीबी और उनके परिवार पर लगाये हैं। इस घटना में सफी और सातनु चौधरी के सिर फोड़ने का आरोप लगाया है। गंभीर रूप से घायल दोनों पक्षों का इलाज चांचल सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में चल रहा है। इस घटना के बाद दोनों पक्षों ने चांचल थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। मालदा की चांचल थाना पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद घटना की जांच शुरू की।

केंद्र सरकार की “मनरेगा” योजना में काम करने के एक साल बाद भी मजदूरों को नहीं मिल रहा पैसा

मालदा। केंद्र सरकार की “मनरेगा” योजना में 100 दिन काम करने के बाद भी वर्षों बाद भी मजदूरों को उनका पारिश्रमिक नहीं मिल पाया है। परिणामस्वरूप जनजातीय गांवों से लेकर अन्य ग्रामीण अंचलों के जॉब कार्ड धारकों में घोर असंतोष व्याप्त है। ओल्ड मालदा प्रखंड के आदिवासी बहुल क्षेत्र भावुक ग्राम पंचायत के कई जॉब कार्ड धारक इस बात को लेकर आक्रोशित हैं कि 100 दिन के कार्य के लिए मजदूरों को मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है। अब इस 100 दिनों के काम के प्रोजेक्ट के पैसे को लेकर राजनीतिक बहस शुरू हो गई है। तृणमूल संचालित ओल्ड मालदा पंचायत समिति की अध्यक्ष मृणालिनी मंडल माईती ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने एक साल से अधिक समय से बंगाल को 100 दिन के कार्य परियोजना के पैसे से वंचित रखा है।

जबकि दूसरे राज्यों को उनका पैसा तुरंत मिल रहे हैं। इस दोहरेपन को स्वीकार नहीं किया जा सकता। जैसे मजदूरों ने 100 दिन के कार्य प्रोजेक्ट में अपना श्रम दिया, वैसे ही उन्हें मेहनताना मिल जानी चाहिए। केंद्र ने पैसा रोक लिया। ऐसे में हमें लगता है कि बीजेपी की केंद्र सरकार मजदूरों के पैसे से राजनीति कर रही है। हालांकि, ओल्ड मालदा से बीजेपी के विधायक गोपाल चंद्र साहा ने दावा किया कि तृणमूल का आरोप बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि मालदा में 100 दिन कार्य परियोजना में कितना भ्रष्टाचार हुआ है, वह बताने की जरूरत नहीं है। प्रोजेक्ट केंद्र सरकार का है।

लेकिन साधारण जॉब कार्डधारियों तक पैसा नहीं पहुंच रहा है, भ्रष्टाचार किया जा रहा है। इससे पहले केंद्र से जांच टीम आई थी। उन्होंने सभी मुद्दों पर गौर किया। वहीं मजदूरों के मुताबिक इस प्रोजेक्ट पर काम करने से किसी को 7000, किसी को 8000 और किसी को 10000 रुपया तक मिलना है, लेकिन सारा पैसा बकाया है। जॉब कार्ड धारकों को काम करने का पैसा नहीं मिल रहा है। उनलोगों ने कहा कि हम यह नहीं कह सकते कि कौन भ्रष्टाचार कर रहा है, कौन राजनीति कर रहा है। लेकिन जिन लोगों ने वास्तविक 100 दिनों की परियोजना के लिए काम किया है, उन्हें पैसा नहीं मिलने पर वे निश्चित रूप से असंतुष्ट होंगे।

दुआरे सरकार शिविर में पहुंचे जिलाधिकारी सहित सरकारी अधिकारी

मालदा। पश्चिम बंगाल सरकार की पहल पर राज्य के अलग-अलग हिस्सों में दुआर सरकार कैंप शुरू किए गए हैं। राज्य सरकार की विभिन्न परियोजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए बूथ दर बूथ दुआरे सरकार कैंप शुरू किया गया है। ऐसे में हबीबपुर ब्लॉक प्रशासन की ओर से सरकार ने बुधवार को हबीबपुर प्रखंड के जजैल क्षेत्र के मानिकोरा हाई स्कूल और कनार्टुका बेसिक प्राइमरी स्कूल में दुआरे सरकार कैंप लगाया गया है। इसके माध्यम से जय जौहर, कृषक बंधु, खाद्य साथी, स्वास्थ्य साथी, लक्ष्मी भंडार, सहित राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं सहित विभिन्न सेवाओं को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए सरकार को आवेदन कर सकते हैं।

लिहाजा बुधवार को प्रदेश की ओर से पी मोहन गांधी, मालदा जिलाधिकारी नितिन सिंघानिया, हबीबपुर ब्लॉक बीडीओ सुप्रतीक साहा समेत जिले के उच्चाधिकारी सरकारी कैंप का दौरा करने पहुंचे। जिलाधिकारी ने पत्रकारों का सामना करते हुए कहा कि अब तक जिले में विभिन्न स्थानों पर दुआरे सरकारी शिविर चल रहे हैं। जिलाधिकारी ने दुआरे सरकार शिविर में लोगों से समस्याओं के बारे में पूछा।

गाजोल के 11 पीठों में पारंपरिक पूजा आयोजित

मालदा। मालदा के गाजोल के हरिदास गांव में प्राचीन परंपरा मानते हुए 11 पीठों में कई देवी-देवताओं की पूजा की गई। बुधवार को गांव की महिला श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से पूजा की। जिससे सभी खुश हैं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार पूजा का कार्यक्रम लोहार समाज के लोग करते हैं। वहां मां काली, मां शीतला, बजरंगबली, राधा कृष्ण सहित विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। स्थानीय भक्तों का कहना है कि हम गांव के कल्याण के लिए हर साल इस थान में पूजा करते हैं। पूजा के अंत में बहुत से लोग पाठा बली चढ़ाते हैं फिर प्रसाद सभी भक्तों में बांटा जाता है।

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