ईस्टर्न हेमेटोलॉजी ग्रुप ने कोलकाता में ‘ईस्टर्न इंडिया ब्लड, मैरो एंड सेल्युलर थेरेपी मीट 2023’ का आयोजन किया

  • पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत में बोन मैरो ट्रांसप्लांट पर अपनी तरह का पहला सम्मेलन आयोजित किया गया
  • सम्मेलन में हेमेटोलॉजिस्ट और हेमाटो-ऑन्कोलॉजिस्ट, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट और बीएमटी से जुड़े सहायक कर्मचारियों सहित 150 से अधिक डॉक्टरों ने भाग लिया।

कोलकाता। ईएचजी (ईस्टर्न हेमेटोलॉजी ग्रुप) ने कोलकाता में बोन मैरो ट्रांसप्लांट पर ‘ईस्टर्न इंडिया ब्लड, मैरो एंड सेल्युलर थेरेपी मीट 2023’ (ईआईबीएमसीटी मीट 2023) का आयोजन किया। यह पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत में ईस्टर्न हेमेटोलॉजी ग्रुप द्वारा आयोजित अपनी तरह का पहला सम्मेलन था। ईएचजी एक संगठन है जिसमें पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत के 12 राज्यों के हेमेटोलॉजिस्ट और हेमाटो-ऑन्कोलॉजिस्ट शामिल हैं।

हेमेटोलॉजिस्ट और हेमाटो-ऑन्कोलॉजिस्ट, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, बीएमटी चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और बीएमटी से जुड़े अन्य सहायक कर्मचारियों सहित 150 से अधिक डॉक्टरों ने बीएमटी अभ्यास को मजबूत करने के लिए अपने ज्ञान, अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करने और पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत में बीएमटी पर भविष्य की योजना के बारे में चर्चा करने के लिए सम्मेलन में भाग लिया।

उद्घाटन कार्यक्रम में प्रो. (डॉ.) देबासिस भट्टाचार्य (चिकित्सा शिक्षा निदेशक, पश्चिम बंगाल सरकार); प्रो. (डॉ.) पिट बरन चक्रवर्ती (प्रिंसिपल, एनआरएस मेडिकल कॉलेज, कोलकाता); प्रो. (डॉ.) राजीब दे (ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी, ईआईबीएमसीटी 2023); डॉ. शर्मिला चंद्रा (अध्यक्ष, ईएचजी); प्रो. (डॉ.) रवीन्द्र कुमार जेना (सचिव, ईएचजी) और प्रो. (डॉ.) तुफान कांति दोलाई (सचिव, आईएसएचबीटी) ने भाग लिया।

ईआईबीएमसीटी मीट 2023 के ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी, प्रो. (डॉ.) राजीब दे ने कहा, “मैं पूर्वी और उत्तर पूर्व भारत के विभिन्न हिस्सों से भाग लेने वाले सभी सदस्यों को धन्यवाद देना चाहता हूं। जैसा कि हम जानते हैं, बोन मैरो ट्रांसप्लांट ल्यूकेमिया, अन्य रक्त कैंसर, थैलेसीमिया और अन्य वंशानुगत रक्त विकार, अप्लास्टिक एनीमिया और अन्य बोन मैरो विफलता विकारों जैसे अधिकांश जीवन-घातक हेमेटोलॉजिकल विकारों के लिए उपचारात्मक उपचार है।

यह पूर्वी भारत के कुछ केंद्रों में की जाने वाली चिकित्सा की एक बहुत ही परिष्कृत और उपचारात्मक पद्धति है। बोन मैरो ट्रांसप्लांट पर ईआईबीएमसीटी मीट 2023 बीएमटी अभ्यास में क्रांति लाने के लिए एक मंच स्थापित करेगा। आज ईआईबीएमसीटी मीट 2023 में न केवल बीएमटी के विभिन्न पहलुओं पर वैज्ञानिक चर्चा हुई, बल्कि पूर्वी भारत के सभी केंद्रों को एक साथ लाया गया, जिन्होंने अपना संस्थागत अनुभव प्रस्तुत किया।

साथ भारत के इस क्षेत्र में बीएमटी अभ्यास को मजबूत करने के लिए सहयोगी गतिविधियों के लिए विस्तृत भविष्य की योजना बनाई गई। सम्मेलन में भाग लेने वाले पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, असम और छत्तीसगढ़ के 13 बीएमटी केंद्र थे: 1) एनआरएस मेडिकल कॉलेज; 2) आईएचटीएम-मेडिकल कॉलेज कोलकाता; 3) टाटा मेडिकल सेंटर; 4) अपोलो मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल;

5) नारायण सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल; 6) सरोज गुप्ता कैंसर सेंटर एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट; 7) एचसीजी ईकेओ कैंसर सेंटर; 8) एससीबी मेडिकल कॉलेज, कटक; 9) आईएमएस एंड एसयूएम हॉस्पिटल, भुवनेश्वर; 10) पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल, पटना; 11) गौहाटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, गुवाहाटी; 12) बी बरुआ कैंसर इंस्टीट्यूट, गुवाहाटी 13) बाल्को मेडिकल सेंटर, रायपुर।

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