कोलकाता। उत्तर 24 परगना के दत्तपुकुर में एक पटाखा कारखाने में विस्फोट से आठ लोगों की मौत के सिलसिले में आखिरकार पहली गिरफ्तारी हुई है। उसका नाम सफीक अली है। उसे रविवार देर रात नीलगंज से गिरफ्तार किया गया है। पता चला है कि वह ब्लास्ट में मारे गए पटाखा कारखाना मालिक कयामत अली का पार्टनर था। प्रारंभिक तौर पर पुलिस का दावा है कि तीन लोग मिलकर इस कारखाने को चलाते थे।
इसमें सफीक और कयामत के साथ समसुल भी शामिल था जो तृणमूल कांग्रेस का स्थानीय नेता है। आरोप है कि इसमें पटाखे बनाने की आड़ में बड़े पैमाने पर बम तैयार किए जाते थे। हर महीने पुलिस को मोटी रकम दी जाती थी जिसकी वजह से प्रशासन ने इस तरफ से आंखें बंद कर रखा था। इधर रविवार सुबह इस वारदात के बाद राज्यपाल उत्तर बंगाल के माटीगाड़ा से सीधे उत्तर 24 परगना के दत्तपुकुर पहुंचे।
उन्होंने दुर्घटना स्थल का दौरा किया जिसके बाद अस्पताल में जाकर घायलों से मुलाकात की है। इस मामले में अभी तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। राज्यपाल ने माना है कि यह केवल दुर्घटना नहीं बल्कि उसके पीछे एक बहुत बड़ी साजिश है। उल्लेखनीय है कि विस्फोट इतना जबरदस्त था कि कारखाने की पूरी दीवार और छत उड़ गई थी।
मारे गए लोगों के शव इधर-उधर बिखरे पड़े हुए थे। इसके पहले एगरा में भी इसी तरह से ब्लास्ट हुआ था जिसमें कई लोग मारे गए थे। दोनों ही घटनाओं में पुलिस ने हर महीने पटाखा कारखाना चलाने वालों से रुपये लेकर कारोबार को संरक्षण दिया था। दत्तपुकुर की घटना में भी स्थानीय लोगों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।