इंदौर (मप्र)। मातृभाषा हिंदी के सम्मान की दिशा में हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार की तरफ से निरन्तर स्पर्धा जारी है। इसी क्रम में गद्य में ‘शिक्षक : मेरी जिंदगी के रंग’ विषय पर आयोजित स्पर्धा में पद्य में प्रथम स्थान दुर्गेश मेघवाल एवं गद्य में गोवर्द्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’ ने पाया है।
मंच-परिवार की सह-सम्पादक अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने यह जानकारी दी।
इन्होंने बताया कि, इस 37वीं स्पर्धा में भी सबने खूब उत्साह दिखाया। श्रेष्ठता अनुरुप चयन और प्रदर्शन के बाद निर्णायक मंडल ने पद्य विधा में ‘शिक्षक : रंग मेरी जिंदगी के’ रचना पर दुर्गेश मेघवाल (राजस्थान) को प्रथम विजेता घोषित किया तो ‘बना वक्त पहला शिक्षक’ के लिए एच.एस. चाहिल (छग) ने दूजा स्थान पाया। इसी वर्ग में तीसरे क्रम पर ‘शिक्षक मेरी जिंदगी के अंग’ पर बोधन राम निषादराज ‘विनायक’ (छग) रहे। उधर, गद्य वर्ग में ‘श्रेष्ठ व्यक्ति होता है ज्ञान दाता’ हेतु गोवर्द्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’ (राजस्थान) को पहला स्थान मिला है।
सह-सम्पादक अर्चना जैन ने बताया कि, 1.23 करोड़ दर्शकों-पाठकों का अपार स्नेह पा चुके इस मंच की संयोजक सम्पादक प्रो.डॉ. सोनाली सिंह व मार्गदर्शक डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’ ने सभी विजेताओं तथा सहभागियों को हार्दिक बधाई-शुभकामनाएं देते हुए सहयोग के लिए धन्यवाद दिया है। इन्होंने बताया कि, गद्य वर्ग में रचना ‘प्रिंसिपल सर’ के लिए छत्तीसगढ़ से ही ममता तिवारी को दूसरा विजेता बनने का सौभाग्य हासिल हुआ, जबकि ‘शिक्षक-मार्गदर्शक इंद्रधनुषी जीवन पथ के’ हेतु डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ (झारखण्ड) ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है।