डॉ. आर.सी. ठाकुर अमृताभिनंदन समारोह एवं अभिनन्दन ग्रन्थ लोकार्पण सम्पन्न

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा वरिष्ठ पुराविद, मुद्राशास्त्री, संग्राहक और इतिहासकार डॉ. आर.सी. ठाकुर के अमृताभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री, म.प्र. शासन डॉ. मोहन यादव थे। विशिष्ट अतिथि अशोक कड़ेल, संचालक, म.प्र. हिन्दी ग्रंथ अकादमी, भोपाल थे। अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय ने की। इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी एवं कार्यपरिषद सदस्य राजेश सिंह कुशवाह, दिनेश दिग्गज एवं डॉ. किरण रमण सोलंकी द्वारा संपादित अभिनंदन ग्रंथ कर्मयोद्धा डॉ. आर.सी. ठाकुर का विमोचन अतिथियों ने किया। अभिनन्दन ग्रन्थ एवं आर.सी. ठाकुर के मुद्राशास्त्रीय अवदान पर कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा, वरिष्ठ पुराविद् डॉ. नारायण व्यास, भोपाल, कार्यपरिषद सदस्य राजेश सिंह कुशवाह एवं संजय नाहर ने प्रकाश डाला।

14 मई 2023, रविवार को दोपहर में विक्रम कीर्ति मंदिर, उज्जैन में आयोजित इस समारोह में डॉ. आर.सी. ठाकुर को आयोजन समिति की ओर से स्वयं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने डॉ. ठाकुर को साफा बांधकर और शॉल-श्रीफल, सम्मान पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर अमृताभिनंदन किया। इस अवसर पर डॉ. ठाकुर की धर्मपत्नी डॉ. सुधा ठाकुर उपस्थित थीं। समारोह को संबोधित करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पुरातिहास के क्षेत्र में मुद्राओं का महत्वपूर्ण स्थान है। मुद्राशास्त्री डॉ. आर.सी. ठाकुर के अथक प्रयासों से सम्राट विक्रमादित्य की ऐतिहासिकता से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण मुद्राशास्त्रीय साक्ष्य प्राप्त हुए। सम्राट विक्रमादित्य शोध पीठ द्वारा डॉ. ठाकुर द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रमाणों के कारण संपूर्ण देश में विक्रमादित्य से संबंधित ऐतिहासिक साक्ष्य चर्चा में आए और इतिहास का पुनर्लेखन हो सका है।

अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि डॉ. ठाकुर का परिवार वर्तमान युग में एक मिसाल है। उन्होंने अमूल्य विरासत का संरक्षण करते हुए अपना सब कुछ राष्ट्र और समाज हित में अर्पित कर दिया है।
विशिष्ट अतिथि अशोक कडेल, संचालक, म.प्र. हिन्दी ग्रंथ अकादमी, भोपाल ने कहा कि डॉ. ठाकुर ने देश की धरोहरों को सहेजने और उस पर अनुसंधान का अविस्मरणीय कार्य किया है। ग्रन्थ के सम्पादक कार्यपरिषद सदस्य राजेश सिंह कुशवाह ने इस महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ की योजना पर प्रकाश डाला। अभिनन्दन पत्र का वाचन मुख्य सम्पादक डॉ. किरण सोलंकी ने किया।

सम्मान के प्रत्युत्तर में उद्बोधन देते हुए निदेशक, अश्विनी शोध संस्थान एवं विख्यात मुद्राशास्त्री डॉ. आर.सी. ठाकुर ने कहा कि पुरातात्विक और ऐतिहासिक प्रमाणों की दृष्टि से मालवा अत्यंत समृद्ध है इसकी धरोहरों को सहेजने के लिए निरंतर प्रयास जारी रहने चाहिए। आयोजन की पीठिका प्रस्तुत करते हुए समिति के सचिव डॉ. रमण सोलंकी ने बताया कि समारोह हेतु एक वर्ष पूर्व एक समिति का गठन किया गया था।

आयोजन समिति के संयोजक डॉ. प्रशांत पुराणिक ने बताया कि डॉ. आर.सी. ठाकुर उज्जैन जिले के एक मात्र ऐसे संग्राहक है, जिनके पास हजारों की संख्या में स्वर्ण, रजत, ताम्र, कांस्य और अन्य मिश्रित धातुओं की प्राचीन मुद्राओं का दुर्लभ संग्रह है। प्रागैतिहासिक काल से लेकर आधुनिक काल तक के मानव निर्मित अस्त्र-शस्त्र, 2300 वर्ष पूर्व के रोम में बनाए गए वाइन पोट (बड़े जार), दुर्लभ, मणियॉ, मोती, माणक, पुखराज, केटआई असंख्य रत्नों, शैल, मृदा, जीवाश्म और प्रस्तर की पुरा संपदा का भण्डार है।

महिदपुर से आए वरिष्ठ पत्रकार शांतिलाल छजलानी, सुभाष कोचर, जवाहर डोसी, मंदसौर के पुरातिहासकार डॉ. कैलाश पाण्डे, डॉ. जितेन्द्र सिंह ठाकुर, डॉ. प्रियांशी पारेख, नरेंद्र सिंह पंवार, रतलाम, डॉ. प्रभु चौधरी आदि ने भी डॉ. आर.सी. ठाकुर से जुड़े संस्मरणों को साझा किया। कार्यक्रम में उज्जैन जिले की अनेक संस्थाओं द्वारा डॉ. ठाकुर का सम्मान किया गया। स्वस्ति वाचन डॉ. सर्वेश्वर शर्मा एवं समूह द्वारा किया गया।

प्रारम्भ में अतिथियों का पुष्पमाला से स्वागत विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रशांत पुराणिक, राजेश सिंह कुशवाह, संयोजक डॉ. रमण सोलंकी, डॉ. अजय शर्मा आदि ने किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन किया गया। स्वस्तिवाचन तिलकराज सोलंकी ने किया। संचालन प्राध्यापक, शासकीय महाविद्यालय, माकडौन डॉ. नीता जाधव ने किया। आभार प्रदर्शन कुलसचिव डॉ. प्रशांत पुराणिक ने किया।

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