नई दिल्ली। अखिल भारतीय नागरी लिपि परिषद नई दिल्ली द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय नागरी लिपि शोध निबंध प्रतियोगिता में संपूर्ण देश से 128 प्रतिभागियों ने अलग-अलग विषयों पर आलेख प्रतियोगिता में सम्मिलित हुए। इस प्रतियोगिता में राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी ने मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता में देवनागरी लिपि का महत्त्व विषय पर अपना शोध पत्र हस्तलिखित प्रेषित किया था जिसे नागरी लिपि परिषद की बैठक में पदाधिकारियों एवं विद्वानों द्वारा सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है।
डॉ. प्रभु चौधरी को निबंध प्रतियोगिता का श्रेष्ठ सम्मान आगामी राष्ट्रीय अधिवेशन में दिया जाएगा। यह जानकारी राष्ट्रीय प्रवक्ता सुंदर लाल जोशी ने देते हुए बताया कि डॉ. चौधरी द्वारा लिखित पुस्तक देवनागरी लिपि तब से अब तक को विशिष्ट पुरस्कार भी प्रदान किया जावेगा। नागरी लिपि परिषद अखिल भारतीय बैठक की अध्यक्षता डॉ. प्रेमचंद्र पतंजलि ने की।
बैठक में राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. शहाबुद्दीन शेख, रामकिंकर जी, डॉ. रश्मि चौबे, श्वेता मिश्र आदि वरिष्ठ पदाधिकारी एवं सदस्यगण उपस्थित रहे। इस अवसर पर नागरी लिपि परिषद की त्रैमासिक पत्रिका नागरी संगम का विमोचन भी हुआ बैठक एवं समारोह का संचालन राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. हरि सिंह पाल ने किया।