उज्जैन : नागरी लिपि के प्रचार-प्रसार की संस्था नागरी लिपि परिषद् नई दिल्ली का अखिल भारतीय नागरी लिपि सम्मेलन पांडिचेरी केन्द्रीय विश्वविद्यालय में दि. 15-16 नवम्बर को आयोजित हो रहा है।
यह जानकारी राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. हरिसिंह पाल ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि प्रतिवर्षानुसार अखिल भारतीय नागरी लिपि सम्मेलन में नागरी लिपि के लिए विशिष्ट योगदान देने वाले नागरी सेवियों को सम्मान अतिथियों द्वारा प्रदान किये जायेंगे।
डॉ. पाल ने बताया कि 2020-21 का विनोबा नागरी सम्मान मध्यप्रदेश के डॉ. प्रभु चौधरी को गत वर्ष प्रकाशित लेखक देवनागरी लिपि : तब से अब तक के प्रकाशन पर भव्य समारोह में प्रदान किया जायेगा। सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि भारत सरकार केन्द्रीय हिन्दी शिक्षण मंडल शिक्षा मंत्रालय के उपाध्यक्ष अनिल शर्मा (दिल्ली) अध्यक्षता नागरी लिपि परिषद के अध्यक्ष पूर्व कुलपति डॉ. प्रेमचंद पतंजलि करेंगे। इस सम्मेलन में सम्पूर्ण देश के लगभग 15 राज्यों से 150 प्रतिनिधि सम्मिलित होंगे।
अखिल भारतीय नागरी लिपि सम्मेलन में क्रमशः दक्षिण भारत में नागरी हिन्दी, नागरी लिपि की वैज्ञानिकता, राष्ट्रीय एकता में नागरी लिपि की भूमिका एवं विश्वलिपि की और नागरी विषयक सत्रो में नागरी विद्वान और भाषा वैज्ञानिक विमर्श करेंगे। आजादी के अमृत महोत्सव में आयोजित इस नागरी लिपि सम्मेलन का विशेष महत्वपूर्ण योगदान राष्ट्रीय एकता में रहेगा।