साहित्यडीपी सिंह की मुक्तक Posted on March 3, 2021 by admin *मुक्तक* ===== हे हरि! हर ले हर चिन्ता अब तेरे द्वारे आया हूँ तेरे चरणों में सब अर्पण, जो, जैसा ला पाया हूँ तेरे गुण, मेरे सब अवगुण, लेखा-जोखा तू रख ले मैं तो बस तेरे चरणों के, रज की इच्छा लाया हूँ मामूली-सा दिखने वाला जूता भी बिगाड़ सकता है किस्मत, जानिए कैसे कांग्रेस की तरह भाजपा सरकार में भी दलितों को सम्मान नहीं : मायावती