साहित्यडीपी सिंह की कुण्डलिया Posted on January 27, 2021 by admin ग़लती और गुनाह में, करना सीखो फ़र्क़। बात जहाँ हो देश की, करो न तर्क-कुतर्क।। करो न तर्क -कुतर्क, देश को गाली बकना। फिर चमकीले वर्क चढ़ाकर ग़लती ढकना।। जिन्हें सगे हों शत्रु, देश से नफ़रत पलती। करना उनका अन्त, नहीं है कोई ग़लती।। प्रयागराज में हर्षोल्लास से मना गणतंत्र दिवस लीडरशिप में महिलाओं की अहमियत को देख अभिभूत : प्रियंका