डीपी सिंह की कुण्डलिया

कुण्डलिया

————–
जनता के दुख-दर्द को, खूँटी पर दो टाँग।
वोट चोट पर माँग लो, आगे कर दो टाँग।।
आगे कर दो टाँग, फँसा दो बढ़ते रथ में।
जीत न जाय विकास, अड़ा दो उसके पथ में।।
वही कुएँ में जाय, खाइयाँ जो है खनता।
भोली तो है किन्तु, जानती सबकुछ जनता।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

7 − 2 =