डीपी सिंह की कुण्डलिया

पर उपकारी अङ्ग है, कान बहुत ही नेक।
आँखें जब कमज़ोर हों, दे ऐनक को टेक।।
दे ऐनक को टेक, अगर कोरोना फैले।
रखे नाक को सेफ, मास्क की ‘टेंशन’ ले ले।।
याद न होता पाठ, कान तब खींचें गुरुवर।
ले लेता है कान, सभी के दर्द स्वयं पर।।

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