साहित्यडीपी सिंह की कुण्डलिया Posted on January 30, 2021 by admin पप्पू कह कह कर जिसे, करें नज़र अन्दाज़। देश द्रोह के कोढ़ में, वो है असली खाज।। वो है असली खाज, शातिरों का भी शातिर। देश बाप का माल, ताज है इसकी खातिर।। खातिर की दरकार, करो अब इसकी जी भर। कमतर इसके पाप, करो मत पप्पू कह कर।। आरपीएफ ने रेल टिकट की कालाबाजारी करते दलाल को दबोचा भाजपा में शामिल होने तृणमूल के चार नेता चार्टर्ड विमान से पहुंचे दिल्ली