साहित्यडीपी सिंह की कुण्डलिया Posted on January 2, 2021January 2, 2021 by admin तन मन धन सबको पड़ा, बीस, सभी पर बीस। नई सोच कुछ दे गया, और दे गया टीस।। और दे गया टीस, ईश ही केवल जाने। भाता है इक्कीस, कि आता भृकुटी ताने।। भजो राम का नाम, छोड़कर सारी अनबन। भली करें भगवान, सुखी हों सबके तन-मन।। भाजपा नेता मनीष शुक्ला हत्याकांड में सीआइडी ने दाखिल की चार्जशीट, दो तृणमूल नेता संदिग्ध डीजे के शोर में डूबे खड़गपुर में किसने किया कत्ल ??