डीपी सिंह की कुण्डलिया

कुण्डलिया

कालाबाजारी अगर, करनी होती बन्द।
देते सूली पर चढ़ा, भ्रष्टाचारी चन्द।।
भ्रष्टाचारी चन्द, किन्तु अन्याय फलेगा।
अन्य-आय का तन्त्र, तभी तो यहाँ चलेगा।।
नूराकुश्ती आप, निरन्तर रखिए जारी।
मुँह में रखकर न्याय, करें कालाबाजारी।।

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