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।।कुण्डलिया।।
पानी की फिर कब मिले, पता नहीं इक घूँट
पीता कुछ, कुछ “डील” में, रख लेता है ऊँट
रख लेता है ऊँट, और किस करवट बैठे
यही सभी गुण आज, सियासत में भी पैठे
नेताओं की “डील”, सात पुश्तों तक जानी
रखे भले ही ऊँट, सात दिन का ही पानी
डीपी सिंह
।।कुण्डलिया।।
पानी की फिर कब मिले, पता नहीं इक घूँट
पीता कुछ, कुछ “डील” में, रख लेता है ऊँट
रख लेता है ऊँट, और किस करवट बैठे
यही सभी गुण आज, सियासत में भी पैठे
नेताओं की “डील”, सात पुश्तों तक जानी
रखे भले ही ऊँट, सात दिन का ही पानी
डीपी सिंह