कोलकाता। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए खुद सजग रहकर अपना कर्त्तव्य निभाना आवश्यक है। इस संदेश को युवाओं तक पहुँचाने के लिए कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज वर्ष 2017 से ही सतर्कता जागरूकता सप्ताह का पालन करता आ रहा है। सतर्कता जागरूकता सप्ताह का पालन करते हुए इस वर्ष 9 नवम्बर को कॉलेज में एक परिचयात्मक सत्र आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत महाविद्यालय की छात्राओं के मध्य ‘भ्रष्टाचार मुक्त भारत : विकसित भारत’ विषय पर एक निबंध प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी।
इस बात की जानकारी देते हुए कॉलेज की प्राचार्या डॉ. सत्या उपाध्याय ने अपना स्वागत वक्तव्य रखा। उन्होंने अपने वक्तव्य में विद्यार्थियों के संदर्भ में सतर्कता और जागरूकता को व्याख्यायित किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में एम.एस. टी.सी. के सेवानिवृत्त महाप्रबन्धक मृत्युंजय श्रीवास्तव उपस्थित थे। छात्राओं को सतर्कता जागरूकता सप्ताह के महत्व को समझाते हुए उन्होंने भ्रष्टाचार की चर्चा की और आर्थिक भ्रष्टाचार पर प्रकाश डाला।
काला धन को परिभाषित करते हुए उन्होंने कहा कि हमें व्यवस्था ऐसी बनानी होगी जिसमें काला धन न हो और न ही इसे सुरक्षित करने की जगह हो, यह एक चुनौती है। युवाओं की यह जिम्मेदारी है कि काला धन सुरक्षित न रहे । अगर काला धन होगा तो भ्रष्टाचार भी होगा। आयकर चोरी के साथ रिश्वत लेना और देना भी बड़ी समस्या और अपराध है। किसी भी काम को करने से पहले यह देखें कि इससे हमारा चारित्रिक उत्थान हो रहा है या नहीं।
कवि एवं आलोचक के रूप में चर्चित मृत्युंजय श्रीवास्तव ने स्वतंत्र भारत के एकीकरण में स्वतंत्र भारत के प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की भूमिका पर प्रकाश डाला । परिचर्चा को सम्बोधित करते हुए अंग्रेजी विभाग की प्रोफेसर डॉ. सुपर्णा भट्टाचार्य ने खुद के प्रति जागरूक रहकर सच्चाई एवं ईमानदारी से नागरिक धर्म निभाने पर जोर दिया । इस अवसर पर छात्राओं ने भी परिचर्चा में सक्रिय भागीदारी की।
परिचर्चा का संचालन एजुकेशन विभाग की प्रोफेसर संचिता दत्ता ने किया और धन्यवाद ज्ञापन इतिहास विभाग की प्रोफेसर डॉ. नन्दिनी भट्टाचार्या ने किया। ध्यातव्य है कि सतर्कता जागरुकता सप्ताह सरदार वल्लभ भाई पटेल की की जयंती 31 अक्टूबर से आरम्भ होता है । 31 अक्टूबर से 6 नवम्बर तक इस सप्ताह का पालन किया जाता है।