कोलकाता। साहित्य अकादेमी द्वारा अकादेमी सभागार, कोलकाता में प्रख्यात फिल्मकार एवं लेखक मृणाल सेन की जन्म शतवार्षिकी के अवसर पर ‘साहित्य मंच’ कार्यक्रम शृंखला के अंतर्गत उन पर केंद्रित विचार-विमर्श का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्रतिष्ठित विद्वान सोमेश्वर भौमिक ने की। कार्यक्रम के आरंभ में अकादेमी के क्षेत्रीय सचिव डॉ. देवेंद्र कुमार देवेश ने औपचारिक स्वागत करते हुए सभी वक्ताओं का संक्षिप्त परिचय दिया।
सोमेश्वर भौमिक ने मृणाल सेन की उस जादुई शक्ति का उल्लेख किया, जिसके माध्यम से वे दर्शकों से संवाद करते थे और उन्हें सम्मोहित एवं झंकृत कर देते थे। उन्होंने कुछ ऐसे संदर्भों को भी उद्घाटित किया, जिन पर वे फिल्म बनाना चाहते थे, पर नहीं बना पाए। शिलादित्य सेन ने मृणाल सेन के जीवन और कृतित्व को रेखांकित करते हुए उनकी पटकथाओं एवं फिल्म कला के विविध पक्षों पर बात की।
अनिंद्य सेनगुप्त ने मृणाल सेन की फिल्मों की प्रासंगिकता पर बात करते हुए कहा कि बंगाल में फिल्म-निर्माण के वर्तमान परिदृश्य में उनकी विरासत को आगे बढ़ाना चुनौतीपूर्ण है। कार्यक्रम के अंत में अकादेमी के सहायक संपादक क्षेत्रवासी नायक द्वारा औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय साहित्यकार और साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।
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