खड़गपुर। भाजपा के दिग्गज नेता दिलीप घोष एक और विवाद में फंस गए हैं। पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिले के खड़गपुर में एक ‘विजय सम्मेलानी’ कार्यक्रम के दौरान भाजपा के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष को तलवार लहराते हुए देखा गया। भाजपा नेता ने इससे पहले खुद को इसी तरह के विवाद में पाया था जब उन्होंने राम नवमी समारोह के दौरान तलवारें लहराई थीं। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की तरह, पश्चिम बंगाल की मुख्य विपक्षी पार्टी, भाजपा भी इस साल के दुर्गा पूजा समारोह के समापन के बाद विभिन्न स्थानों पर ‘विजय सन्मेलानी’ रैलियां कर रही है।
खड़गपुर शहर के वार्ड नंबर 18 के न्यू सेटलमेंट एरिया में बीजेपी की ओर से आयोजित ‘विजय सम्मेलन’ समारोह था जिसमें दिलीप घोष ने शिरकत की। भाजपा नेता का गर्मजोशी से स्वागत किया गया और उन्हें तलवार सौंपी गई। तब दिलीप घोष ने तलवार को उसके म्यान से निकाला और कार्यकर्ताओं के साथ ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने लगे। यहीं विवाद है।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने ‘विजय सम्मेलन’ कार्यक्रम में तलवारों के प्रदर्शन को लेकर भाजपा की खिंचाई की। हालांकि दिलीप घोष ने इस मुद्दे पर ज्यादा ध्यान देने से इनकार कर दिया। “कायर हमेशा तलवारों से डरते हैं,” भाजपा नेता ने मीडिया को खारिज करते हुए कहा। उधर, तृणमूल कांग्रेस के सांसद शांतनु सेन ने घटना के लिए भाजपा की ‘संस्कृति’ को जिम्मेदार ठहराया। यह भाजपा की संस्कृति है। इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है।