कोलकाता। पिछले साल हुए बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी की करारी हार हुई थी। इसके बाद से पार्टी हाईकमान वहां पर अपने संगठन को मजबूत करना चाहता है, लेकिन हाल ही में हुए निकाय चुनाव में बीजेपी का सूपड़ा लगभग साफ हो गया। अब उसके नेता ही पार्टी की किरकिरी करवा रहे हैं। रविवार को बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने अपनी ही पार्टी के सांसद लॉकेट चटर्जी पर निशाना साधा। अगर कोई अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश करता है और उन्हें दूसरे के कंधों पर डाल देता है, तो ये आत्म-विश्लेषण या आत्म-आलोचना नहीं है।
दरअसल निकाय चुनाव में हार की समीक्षा के लिए बंगाल बीजेपी ने एक बैठक बुलाई थी। जिसमें प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, दिलीप घोष, लॉकेट चटर्जी, अमित मालवीय, दिनेश त्रिवेदी आदि नेता पहुंचे, लेकिन शुभेंदु अधिकारी और शांतनु ठाकुर बैठक में नहीं आए। इसके बाद लॉकेट चटर्जी ने पार्टी की ही आलोचना कर डाली। साथ ही कहा कि पुराने लोगों को हाल के पार्टी पदों से हटाना बुद्धिमानी नहीं थी। इसके अलावा योग्यता की उपेक्षा की गई और कोटा को महत्व दिया गया था।
लॉकेट चटर्जी के बयान पर पलटवार करते हुए दिलीप घोष ने कहा कि बातें करना बहुत आसान है। जो लोग मैदान में नहीं हैं, वे ऐसी शिकायतें करेंगे तो क्या होगा? जो मैदान पर थे, वे जानते हैं कि लड़ना कितना मुश्किल होता है। वहीं घोष की आलोचना पर चटर्जी ने कहा कि मैंने चिंतन बैठक पर अपनी टिप्पणियों के बारे में मीडिया में सार्वजनिक रूप से कभी नहीं कहा। मैं इस पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं करना चाहता हूं।