विकसित भारत @2047 – युवाओं की आवाज

यही समय है सही समय है – भारत विकसित राष्ट्र बनने के लिए लंबी छलांग लगाने को तैयार है
युवाओं का युवा देश भारत अपने विकसित राष्ट्र होने की ओर चल पड़ा है – एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया

किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर सर्वविदित है कि भारत की 140 करोड़ जनसंख्या जो विश्व में सबसे सर्वाधिक है यह एक ऐसा अकेला देश है जहां 60 प्रतिशत से अधिक युवा है। याने भारत एक युवा राष्ट्र है जिसमें जितने कार्यकुशल हाथ भारत में है उतने दुनियां के किसी भी देश में नहीं है। बस!! जरूरत है हमें उन हाथों में काम की दिशा में बढ़कर अपने लक्ष को हासिल करने की, जिसका बंदोबस्त भी भारत सरकार ने कर रखा है कि एक अलग से कौशलता विकास मंत्रालय बनाया गया है जो उन हाथों में कौशलता रूपी ज्ञान का अस्त्र प्रदान करता है ताकि वह रोजगार लेने वाले की जगह रोजगार देने वाले बने। अगर ऐसी तैयारी हमारी है तो स्वाभाविक रूप से हम 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का विजन बनाकर सटीक रणनीति बनाई गई है।

जिसमें मेरा मानना है कि 2047 के पूर्व ही भारत को विकसित देश राष्ट्र का दर्जा प्राप्त हो जाएगा, इसलिए ही दिनांक 11 दिसंबर 2023 को माननीय पीएम ने विकसित भारत एट द रेट ऑफ 2047 युवाओं की आवाज, कार्यशाला का शुभारंभ किया है क्योंकि युवाओं का युवा देश भारत अपने विकसित भारत बनने की ओर चल पड़ा है। इसलिए आज हम पीआई बी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे यही समय है सही समय है, भारत विकसित भारत बनने के लिए लंबी छलांग लगाने को तैयार है।

साथियों बात अगर हम माननीय पीएम द्वारा दिनांक 11 दिसंबर 2023 को एक कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधन करने की करें तो, उन्होंने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विकसित भारत@2047: युवाओं की आवाज का शुभारंभ किया। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान, इस पहल की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए देश भर के राजभवनों में आयोजित कार्यशालाओं में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, संस्थानों के प्रमुखों और संकाय सदस्यों को संबोधित किया। उन्होंने प्रत्येक विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और युवाओं की ऊर्जा को विकसित भारत के सामान्य लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में लगाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। विचारों की विविधता को ध्यान में रखते हुए, पीएम ने विकसित भारत के निर्माण की दिशा में सभी धाराओं को जोड़ने पर बल दिया। सभी से विकसित भारत@2047 के दृष्टिकोण में योगदान करने के लिए अपनी सीमा से परे जाने का आग्रह किया। उन्होंने अधिक से अधिक युवाओं को इस अभियान से जोड़ने के लिए देश के हर महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में विशेष अभियान चलाने का सुझाव दिया। विकसित भारत से जुड़े आइडियाज पोर्टल के शुभारंभ का जिक्र किया और बताया कि 5 अलग-अलग विषयों पर सुझाव दिए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सर्वश्रेष्ठ 10 सुझावों के लिए पुरस्कार की भी व्यवस्था की गई है। आप अपने सुझाव माई गव प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी दे सकते हैं।

उन्होंने कहा, विचार की शुरुआत ‘मैं’ से होती है, जैसे भारत की शुरुआत ‘मैं’ से होती है। उन्होंने रेखांकित किया कि विकास का विचार केवल स्वयं के ‘मैं’ से शुरू हो सकता है। उन्होंने ‘विकसित भारत’ के विकास की अवधि को एक परीक्षा की अवधि से उपमा देते हुए, लक्ष्य को पूरा करने के लिए आवश्यक अनुशासन बनाए रखने में विद्यार्थियों के आत्मविश्वास, तैयारी और समर्पण के साथ-साथ परिवारों के योगदान का भी उल्लेख किया। उन्होंने टिप्पणी की कि देश के नागरिक होने के नाते हमारे लिए भी परीक्षा की तारीख घोषित कर दी गई है। उन्होंने बल देकर कहा,हमारे सामने 25 साल का अमृत काल है। हमें विकसित भारत के लक्ष्य के लिए 24 घंटे काम करना है। यह वह वातावरण है जिसे हमें एक परिवार के रूप में बनाना है। यह देखते हुए कि देश की तेजी से बढ़ती आबादी युवाओं द्वारा सशक्त हो रही है, उन्होंने बताया कि भारत आने वाले 25-30 वर्षों तक कामकाजी उम्र की आबादी के मामले में अग्रणी बनने जा रहा है और दुनिया इस बात को मानती है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “युवा शक्ति परिवर्तन की वाहक भी है और परिवर्तन की लाभार्थी भी है।” उन्होंने इस बात पर बल दिया कि अगले 25 वर्ष आज के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में युवाओं के करियर के लिए निर्णायक होंगे। यह देखते हुए कि ये युवा ही हैं जो भविष्य में नए परिवार और एक नया समाज बनाएंगे, उन्हें यह तय करने का अधिकार है कि एक विकसित भारत कैसा होना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी भावना के साथ सरकार देश के हर युवा को विकसित भारत की कार्ययोजना से जोड़ना चाहती है। उन्होंने विकसित भारत के निर्माण के लिए देश के युवाओं की आवाज को नीतिगत रणनीति में ढालने पर बल दिया और युवाओं के साथ अधिकतम संपर्क बनाए रखने वाले शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका पर प्रकाश डाला। माननीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह पहल अमृत काल विमर्श को एक जन-आंदोलन में बदलने जा रही है। उन्होंने युवा शक्ति और शिक्षा समुदाय को 2047 तक विकसित भारत के भव्य दृष्टिकोण से लगातार मार्गदर्शन करने और जोड़ने के लिए पीएम को धन्यवाद दिया।उन्होंने यह भी कहा कि आज के कार्यक्रम के शुभारंभ ने एक नई दृष्टि और दिशा दी है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि विश्वविद्यालय, महाविद्यालय और शैक्षणिक संस्थान इस पहल को नई गति प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि सबका प्रयास के मंत्र से प्रेरित होकर एक ऐसा वातावरण बनाना होगा जो अमृत पीढी और नागरिकों को विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रेरित करे।

साथियों बातें हम भारत एट द रेट ऑफ 2047 की पृष्ठभूमि की करें तो, देश की राष्ट्रीय योजनाओं, प्राथमिकताओं और लक्ष्यों के निर्माण में देश के युवाओं को सक्रिय रूप से सम्मिलित करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप, विकसित भारत @2047: युवाओं की आवाज़’ पहल विकसित भारत @2047 के दृष्टिकोण में विचारों का योगदान करने के लिए देश के युवाओं को एक मंच प्रदान करेगी। यह कार्यशालाएँ विकसित भारत @2047 के लिए अपने विचारों और सुझावों को साझा करने के लिए युवाओं को सम्मिलित करने की प्रक्रिया शुरू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होंगी।विकसित भारत @ 2047 का उद्देश्य आजादी के 100वें वर्ष यानी वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। यह दृष्टिकोण आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, पर्यावरणीय स्थिरता और सुशासन सहित विकास के विभिन्न पहलुओं को सम्मिलित करता है।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि विकसित भारत @ 2047 – युवाओं की आवाज़ यही समय है सही समय है – भारत विकसित राष्ट्र बनने के लिए लंबी छलांग लगाने को तैयार है युवाओं का युवा देश भारत अपने विकसित राष्ट्र होने की ओर चल पड़ा है।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

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