कोलकाता। Bengal Election : बंगाल में बचे हुए चरणों के मतदान कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं होगा। यह बात मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को राजनीतिक दलों के साथ हुई बैठक के बाद कही। सर्वदलीय बैठक में अंतिम तीन चरणों के लिए एकसाथ मतदान कराने की मांग सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने की थी, लेकिन अन्य दलों ने इसमें उसका साथ नहीं दिया।
इस बीच, जंगीपुर से आरएसपी के उम्मीदवार प्रदीप कुमार नंदी की कोविड-19 के कारण बहरमपुर के अस्पताल में मौत हो गई है। पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वाले नंदी दूसरे उम्मीदवार हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी आरिज आफताब ने सभी राजनीतिक दलों के साथ हुई बैठक में बचे हुए चरणों के लिए मास्क लगाने और दो गज की दूरी का पालन करने सहित कोविड-19 से जुड़े सभी प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने को कहा है।
राज्य में फिलहाल कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर चल रही है। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अंतिम तीन चरणों के मतदान को एक साथ जोड़कर कराने की मांग की थी। इस महीने के पहले 15 दिनों में पश्चिम बंगाल में संक्रमण के 49,970 नए मामले आए हैं, जबकि महामारी से 151 लोगों की मौत हुई है।
अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘यह बैठक चुनावी कार्यक्रम में बदलाव के लिए नहीं बुलायी गई थी। हालांकि, हमें एक राजनीतिक दल की ओर से ऐसा अनुरोध प्राप्त हुआ था। बचे हुए तीन चरणों के मतदान के कार्यक्रम में बदलाव का कोई फैसला नहीं किया गया है।’’
सर्वदलीय बैठक में मतदान केन्द्रों पर दो गज की दूरी का कड़ाई से पालन करने की जरुरत पर भी बल दिया गया। उन्होंने बताया, ‘‘सभी राजनीतिक रैलियों में मास्क लगाना, पर्याप्त मात्रा में सैनिटाइजर रखना अनिवार्य किया गया है। प्रोटोकॉल के किसी भी उल्लंघन से कड़ाई से निपटा जाएगा। कानून के अनुसार फौजदारी कार्रवाई की जाएगी।’’
अधिकारी ने बताया कि जनसभाओं और रैलियों में शामिल होने वाले सभी लोगों को आयोजकों को अपने खर्च पर मास्क और सैनिटाइजर मुहैया कराना होगा।मुख्य निर्वाचन अधिकारी बैठक में हुई बातचीत की विस्तृत जानकारी भारत निर्वाचन आयोग, नयी दिल्ली को भेजेंगे।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सर्वदलीय बैठक बुलायी थी। अदालत ने बचे हुए चरणों के चुनाव के लिये प्रचार के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया था।
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा पिछले दिनों शेष चरणों के लिए मतदान एक ही बार में कराने का सुझाव दिये जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस महासचिव पार्थ चटर्जी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी आरिज आफताब के साथ एक बैठक में अंतिम तीन चरणों के मतदान एकसाथ कराने की मांग की थी।