कोलकाता। कोरोना के मामले कुछ हद तक नियंत्रण मे हैं, लेकिन पिछले साल की तुलना में अगस्त के पहले सप्ताह तक पश्चिम बंगाल में डेंगू के मामले लगभग सात गुणा बढ़ गए हैं। कम से कम 11 नगरपालिकाओं को उन क्षेत्रों की पहचान की गई है, जहां तेजी से बुखार के मामले बढ़े हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि 2021 में अगस्त के पहले सप्ताह तक लगभग 450 डेंगू के मामलों का पता चला था। इस साल, इसी अवधि के दौरान यह संख्या बढ़कर 3,104 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने मुख्य सचिव एचके द्विवेदी को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें राज्य भर के उन जिलों पर प्रकाश डाला गया है, जहां पिछले 5 वर्षों में डेंगू के मामलों ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया, 2017 के बाद से जनवरी और अगस्त के बीच सबसे अधिक मामले 89 थे। इस साल यह बढ़कर 768 हो गये हैं। कोलकाता, हावड़ा, बिधाननगर, पानीहाटी, बाली, टीटागढ़, कमरहाटी, राजपुर-सोनारपुर, आसनसोल, इंग्लिशबाजार और सिलीगुड़ी की पहचान उन जगहों में की है, जहां मच्छर जनित बीमारी तेजी से बढ़े हैं। कलिम्पोंग में सिर्फ एक मामला दर्ज किया गया था। इस साल, जिले में 56 मामले दर्ज किए गए हैं। अन्य जिले जहां पिछले पांच वर्षों के रिकॉर्ड टूटे हैं, वे हैं हावड़ा, हुगली, बीरभूम और मालदा।
उत्तर 24 परगना के निवासी मोहन भट्टाचार्य ने बताया, मेरे परिवार के चार सदस्यों में से तीन, जिनमें मैं, मेरी पत्नी और मेरी बेटी शामिल थे, बीमारी से पीड़ित थे, जबकि मैं ठीक हो गया हूं, मेरी पत्नी और बेटी अभी भी ठीक हो रही हैं। कोलकाता नगर निगम ने कम से कम 13 वार्डों की पहचान अत्यधिक डेंगू से ग्रस्त वार्डों के रूप में की है। इसने निजी प्रयोगशालाओं और अस्पतालों को डेटा जमा करने के लिए भी कहा है। कोलकाता नगर निगम ने फीवर क्लीनिक भी शुरू किया है।