नई दिल्ली : पिछले पांच वर्षो के उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर भारत में डेंगू के मामलों की संख्या में हर दूसरे वर्ष वृद्धि देखी गई है। हालांकि, प्रत्येक वैकल्पिक वर्ष में दर्ज किए गए डेंगू के मामलों की कुल संख्या में धीरे-धीरे कमी आई है। यह बात स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में कही। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षो के उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर देखा गया है कि 2017 में मामलों की संख्या 1,88,401, 2019 में 2,05,243 और 2021 में 1,77,695, 2016 में 1,29,166, 2018 में 1,24,493 और 2020 में 44,585 थी।
भारती इस सवाल का जवाब दे रही थीं कि क्या देश में साल-दर-साल वेक्टर जनित बीमारियों- जैसे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों में वृद्धि हुई है? उन्होंने अपने जवाब में कहा कि डेंगू के मामलों में हर दूसरे साल बढ़ोतरी देखी गई। चिकनगुनिया ने देश में मिश्रित प्रवृत्ति दिखाई है। 2016 में पुष्ट मामलों की संख्या 26,364, 2017 में 12,548, 2018 में 9,756, 2019 में 12,205, 2020 में 6,324 और चालू वर्ष में 10,553 थी।
पिछले पांच वर्षो में आए मलेरिया के मामलों के विश्लेषण से पता चला है कि हर साल संख्या में लगातार गिरावट आई है – 2016 में 10,87,285, 2017 में 8,44,558, 2018 में 4,29,928, 2019 में 3,38,494, 2020 में 86,532 और चालू वर्ष में 1,26,375 मामले आए हैं। राज्यमंत्री ने सदन को सूचित किया कि आंकड़ों के आधार पर नहीं कहा जा सकता कि वेक्टर जनित बीमारियों के मामलों में साल दर साल वृद्धि हुई है।