वॉशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के एक समूह का कहना है कि उन्होंने साइबेरिया के परमाफ्रॉस्ट (हमेशा बर्फ़ से जमी ज़मीन) में करीब 46000 साल से निष्क्रिय पड़े कीड़ों को पुनर्जीवित किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जब ये छोटे-छोटे कीड़े धरती पर जीवित थे तब ये दुनिया बहुत अलग हुआ करती थी। उस समय बड़े-बड़े दांतों वाले बाघ हुआ करते थे और उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया का अधिकांश हिस्सा बर्फ़ की चादर से ढका हुआ था।
जर्मनी के ड्रेसडेन में वैज्ञानिकों की एक टीम का कहना है कि उन्होंने लंबे समय से विलुप्त हो चुके कीड़ों को पुनर्जीवित कर दिया है, जो क्रिप्टो बायोसिस नाम की स्थिति में फंस गए थे। इस स्थिति में जीव खराब परिस्थितियों में अपने मेटाबॉलिज्म को बंद कर सकते हैं।
इन्हें पानी और भोजन देने के बाद ये कीड़े करीब एक महीने तक जीवित रहे और फिर इन्होंने 100 नए कीड़ों को जन्म दिया। शोधकर्ताओं ने उस मिट्टी का अध्ययन करके कीड़ों की उम्र का पता लगाया है, जिसमें ये दबे हुए थे। ये करीब 46 हज़ार साल पुरानी मिट्टी है।