बांकुड़ा। जादवपुर विश्वविद्यालय में रैगिंग की घटना के बाद बांकुड़ा सम्मिलनी कॉलेज और अस्पताल के अधिकारी अलर्ट पर हैं। एहतियात के तौर पर एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक हुई है। बांकुड़ा सम्मिलनी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ. पंचानन कुंडू की उपस्थिति में गुरुवार को एक लंबी बैठक हुई। जादवपुर मामले में एक छात्र की मौत के बाद संबंधित संस्थानों में सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। राजनीतिक दबाव शुरू हो गया है।
राजनीतिक दबाव के बावजूद, राज्य के छात्रों को लगता है कि अगर पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए जाएं तो ऐसी अप्रिय घटनाओं से बचा जा सकता है। बांकुड़ा सम्मिलनी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अधीक्षक डॉ. पंचानन कुंडू ने कहा कि नेशनल मेडिकल काउंसिल द्वारा पिछले 12 अगस्त को एंटी रैगिंग डे मनाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
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तदनुसार, छात्रों को रैगिंग के लिए कानूनों या दिशा-निर्देशों के बारे में सूचित करने, रैगिंग कानून की विभिन्न धाराओं को समझाने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जादवपुर घटना के बाद एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। उत्तीर्ण छात्रों को छात्रावास छोड़ने का भी निर्देश दिया जा रहा है।
कॉलेज के छात्रों ने इस पहल की सराहना की है। बांकुड़ा सम्मिलनी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के एक मेडिकल छात्र ने कहा कि अगर ये सभी पहल पहले की गई होती, तो शायद जादवपुर का वह छात्र नहीं खोता। यह देखकर अच्छा लग रहा है कि हमारे कॉलेज में भी रैगिंग विरोधी जागरूकता फैलाई जा रही है।