सीबीआई पर सवाल उठाकर दिलीप घोष ने बीजेपी को डाला परेशानी में

कोलकाता। बीजेपी उपाध्यक्ष दिलीप घोष इस दिनों सीबीआई को लेकर हमलावर हैं। सोमवार को उन्होंने सीबीआई पर निशाना साधते हुए कहा कि बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा में अब तक क्या कदम उठाए गए? इससे पहले उन्होंने कुछ सीबीआई अधिकारियों को कथित साठगांठ राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से है। अब जानकारी सामने आई है कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पश्चिम बंगाल बीजेपी से घोष के बयान पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। बीजेपी हाईकमान ने उस वीडियो की डिटेल मांगी है, जिसमें दिलीप घोष कथित रूप से सीबीआई के खिलाफ बोल रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, शाह और नड्डा ने राज्य इकाई की ओर से अलग-अलग रिपोर्ट मांगी है।

दिलीप घोष को इससे पहले कई मौके पर पार्टी के राज्य नेतृत्व के खिलाफ बोलने पर सावधान किया जा चुका है। रविवार को दिलीप घोष ने कहा था कि सीबीआई के कुछ अधिकारियों की तृणमूल कांग्रेस के साथ साठगांठ थी इसलिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने ईडी को बंगाल भेजा। सोमवार को बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘सीबीआई अपना कर्तव्य निवर्हन ठीक से नहीं कर रही है। चुनाव बाद हुई हिंसा के मामले में क्या कदम उठाए गए जिसकी जांच वह कर रही है? बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा में बीजेपी के करीब 60 कार्यकर्ता मारे गए, लेकिन अबतक कुछ भी नहीं हुआ जबकि कई महीनों से जांच चल रही है।’

गौरतलब है कि कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई, पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा के मामलों की जांच कर रही है। हालांकि बीजेपी की ओर से ताजा घटनाक्रम को लेकर त्वरित प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की गई है। दूसरी ओर टीएमसी के राज्यसभा सांसद शांतनु सेन ने दिलीप घोष के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि घोष कह रहे हैं कि सीबाआई एफआईआर दर्ज नहीं कर सकी लेकिन हमने यह भी देखा कि सीबीआई ने एफआईआर में मौजूद नामों से पूछताछ भी नहीं की।

घोष की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए शांतनु सेन ने कहा कि बीजेपी नेता ने स्वयं सीबीआई की निष्पक्षता पर सवाल उठाया है जिसे पिछले कई साल से विपक्षी पार्टियां भी उठा रही हैं। उन्होंने कहा, ‘हम लंबे समय से कह रहे हैं कि ईडी और सीबीआई को बीजेपी कंट्रोल कर रही है। हमें केंद्रीय एजेंसियों की कार्यप्रणाली को लेकर गंभीर आशंकाए हैं। अब बीजेपी नेता दिलीप घोष भी केंद्रीय एजेंसी की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं।’

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