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लेप्चा भाषा और संस्कृति को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की उठी मांग

सिलीगुड़ी : स्वदेशी लेप्चा जनजातीय संघ ने लेप्चा भाषा और संस्कृति को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की है। इस मांग के समर्थन में को शनिवार को सिलीगुड़ी के बघायतिन पार्क मैदान में एक जनसभा आयोजित की गई। जनसभा में तृणमूल कांग्रेस की पूर्व राज्यसभा सांसद शांता छेत्री मौजूद रहीं। साथ ही लेप्चा विकास बोर्ड सहित विभिन्न लेप्चा समुदायों और स्वैच्छिक संगठनों के सदस्य भी जनसभा में शामिल हुए।

इन लोगों ने कहा सिक्किम में लेप्चा भाषा में पढ़ने की व्यवस्था है, लेकिन पश्चिम बंगाल रमें यह नहीं है। जनसभा में लेप्चा भाषा में पठन पाठन के साथ संवैधानिक मान्यता की मांग उठाई गई। इसके साथ ही भविष्य में लेप्चा भाषा एवं संस्कृति की मांग हेतु एक समन्वय समिति का गठन किया गया।

यह कमेटी भविष्य में इन मांगों के समर्थन में आगे काम करेगी। हालांकि यह मांग 2017 से उठ रही है, लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया है। पूर्व सांसद शांता छेत्री ने राज्यसभा में लेप्चा भाषा को मान्यता देने की मांग की।

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