बंगाल में डेंगू के तेज संक्रमण के बाद नालों की सफाई और मच्छरदानी वितरण का निर्णय

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में हर साल डेंगू से सैकड़ों लोगों की मौत होती है। इस बार भी बारिश की शुरुआत के साथ ही 10 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा करीब पांच हजार से अधिक लोग संक्रमण की चपेट में हैं। इसके बाद अब पश्चिम बंगाल सरकार ने डेंगू रोकथाम के लिए कदम उठाना शुरू किया है। ममता बनर्जी के साथ बैठकर केंद्र सरकार के खिलाफ आपत्तिजनक बयान बाजी करने वाले राज्य के मुख्य सचिव कृष्ण द्विवेदी ने अब राज्य के डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में एक लाख मछरदानी बांटने का निर्देश दिया है।

इसके अलावा उन्होंने डेढ़ हजार किलोमीटर के नाले की साफ सफाई और मरम्मत का निर्देश दिया है। यह सब कुछ बारिश शुरू होने से पहले किया जाना चाहिए था लेकिन अब जब संक्रमण तेज है तब इस तरह के निर्देश से डेंगू रोकथाम के लिए राज्य सरकार की मंशा सवालों के घेरे में है। 129 नगर पालिकाओं में भी पाक्षिक सफाई अभियान शुरू हो गया है। वहीं प्रशासन के आला अधिकारियों ने इस अभियान पर विशेष जोर देने का आदेश दिया है। कार्यक्रम को नवंबर के अंत तक चलाने को कहा गया है।

विभिन्न क्षेत्रों में मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए 624 रैपिड रिस्पांस टीमों का गठन किया गया है। डेंगू से निपटने के लिए 9,000 डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ सहित एक लाख 32 हजार स्वास्थ्य कर्मचारियों को तैनात किया गया है। जिनमें आशा वर्कर और पूर्ण स्वास्थ्य कर्मचारी हैं। राज्य प्रशासन के एक अधिकारी के शब्दों में, ”जिस तरह डेंगू से निपटने के लिए लोगों की जागरूकता जरूरी है, उसी तरह नियमों का पालन न करने पर सख्ती से निपटना भी जरूरी है।”

सूत्रों के मुताबिक राज्य के लगभग 13 हजार 595 निवासियों को अपने घरों या जमीन में पानी जमा होने के प्रति लापरवाह रहने के कारण नगर पालिका की ओर से नोटिस भेजा गया है। 611 ग्राम पंचायतों में जहां डेंगू संक्रमण है, वहां ठोस अपशिष्ट और चिकित्सा-अपशिष्ट प्रबंधन पर भी जोर दिया गया है। सभी विभागों की बैठक में निर्णय लिया गया कि डेंगू से निपटने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में 15 सदस्यों की एक विशेष टीम बनाई जाएगी लेकिन जिन पंचायत क्षेत्रों में गांव और कस्बे का मेल है, वहां अधिक सदस्य रखे जायेंगे। ऐसी अर्ध-शहरी पंचायतों की संख्या लगभग 140 है।

बैठक में ग्राम स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर बुखार की जांच करने पर जोर दिया गया। यदि उन्हें जानकारी मिलती है कि किसी घर में किसी को तीन दिन से अधिक समय से बुखार है तो कर्मचारी निवासियों को डेंगू का परीक्षण कराने के लिए कहेंगे। इसकी सूचना संबंधित विभाग को दी जाएगी। जल विभाग और शहरी विकास एवं पंचायत विभाग ने मत्स्य पालन विभाग को राज्य के विभिन्न जल निकायों में 2.5 करोड़ गप्पी मछली छोड़ने का भी निर्देश दिया है।

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