तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर। पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत डेबरा ब्लॉक के बारागढ़ में सेंचुरियन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, भुवनेश्वर की छात्रा ऐशानी चौधरी, सृजा मजूमदार, मधुरिता शीट और सोना चक्रवर्ती द्वारा एकीकृत कृषि प्रणाली पहल पर महिला किसानों के लिए एक दिवसीय कृषि कार्यशाला का आयोजन किया गया।कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य महिला किसानों को खेती के नए वैज्ञानिक तरीकों से अवगत कराना और उन्हें अपने विकास की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाना था।
कार्यशाला में पारंपरिक फसल खेती के साथ-साथ पशुपालन, मुर्गी पालन, मछली पालन, मशरूम की खेती, मधुमक्खी पालन, फूलों की खेती आदि के अलावा एकीकृत कृषि प्रणाली के माध्यम से अतिरिक्त आय उत्पन्न करने पर चर्चा की गई। आयोजन करने वाले छात्रों ने कहा कि यह कृषि पद्धति कम वर्षा और खराब सिंचाई प्रणाली वाले क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण कृषि पद्धति है। कार्यशाला में इस बात पर भी चर्चा की गई कि एक खेती से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों को दूसरी खेती के लिए कच्चे माल के रूप में कैसे उपयोग किया जाए और विभिन्न प्रकार की खेती को समेकित कृषि प्रणाली में जोड़कर पर्यावरण को अनावश्यक प्रदूषण से कैसे बचाया जाए।
इस क्रम में इस बात पर भी चर्चा की गई कि पशुओं के मल को फसलों पर खाद के रूप में कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है और कटाई के बाद बचे पुआल को पशु चारे के रूप में कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है। उपस्थित महिला कृषकों ने कहा कि उन्होंने कार्यशाला में भाग लेकर कई नई बातें सीखी और आयोजन करने वाली छात्राओं को धन्यवाद दिया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भविष्य में इस तरह की और कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं, तो उन्हें खेती के और आधुनिक तरीके जानने को मिलेंगे और फायदा होगा।