डी.पी. सिंह की रचना

जय राम का उद्घोष करती राम की सेना चली।
सुग्रीव अङ्गद ऋक्षपति हनुमान – से अतुलित बली।
उत्साह से परिपूर्ण जब कपि भालु करते गर्जना,
भय व्यापता दानव – दिलों में और दल में खलबली।।

कम्पित धरा अम्बर दसो दिशि, शेष विचलित हो रहे,
नर नाग मुनि गंधर्व किन्नर देव हर्षित हो रहे।
जिस हेतु प्रभु श्रीराम ने अवतार पृथ्वी पर लिया,
वह क्षण निकट है, सोचकर ही रोम पुलकित हो रहे।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च करफॉलो करें।

1 thoughts on “डी.पी. सिंह की रचना

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

eighteen − three =