शौर्य चक्र से सम्मानित हुए सीआरपीएफ उप कमांडेंट

खड़गपुर। दिलीप मलिक, उप कमांडेंट, पश्चिम बंगाल सेक्टर, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में हमारे देश के माननीय राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद जी द्वारा “शौर्य चक्र” पुरस्कार” से सम्मानित किया गया है। उनके साहस, नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में मातृभूमि के प्रति समर्पण व उनकी बहादुरी ने हमारे देश तथा सीआरपीएफ का नाम गौरवान्वित किया है। 73वें गणतंत्र दिवस 2022 के अवसर पर “शौर्य चक्र” पुरस्कार की घोषणा की गई थी | दिलीप मलिक, उप.कमांडेंट, पश्चिम बंगाल सेक्टर द्वारा 205 कोबरा बटालियन गया में तैनाती के दौरान 25 जुलाई 2019 को बंगला बगीचा, जिला-औरंगाबाद, राज्य-बिहार में ऑपरेशन में 03 कट्टर माओवादियों को मार गिराने में बहादुरी का प्रदर्शन करने के लिए इन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया ।

भारत के माननीय राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद जी तथा अन्य सम्माननीय व्यक्तियों ने , दिलीप मलिक, पश्चिम बंगाल सेक्टर, सीआरपीएफ के उप कमांडेंट को “शौर्य चक्र” पदक प्राप्तकर्ता के रूप में बधाई दी और उनके उज्जल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। वर्ष 2018 में दिलीप मलिक, उप कमांडेंट, 205 कोबरा बटालियन, गया बिहार माओवादी हिंसा प्रभावित इलाके में तैनाती के दौरान गया इलाके में 03 हार्डकोर माओवादी, जोनल कमांडर जिनपर पांच लाख रूपया का इनाम रखा गया था उन सभी माओवादियों को मार गिराया था।

IMG-20220531-WA0014बता दें कि दिलीप मलिक का जन्म बंगाल राज्य के हुगली जिले के जगन्नाथपुर गाँव, थाना – हरिपाल में हुआ है। उनकी कड़ी मेहनत तथा देश के प्रति सेवा और निष्ठा, दृढ़ संकल्प, इमानदारी पूर्वक कार्य के कारण उक्त अधिकारी को अब तक भिन्न -भिन्न पदकों तथा कई बार पुलिस महानिदेशक डिस्क व प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया जा चुका है | देश के दुश्मनों के विरुद्ध बहादुरी से लड़ाई करके विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल की हैं। सेवा के 30 वर्षों के दौरान में उक्त अधिकारी ने परिचालन / वामपंथी चरमपंथी क्षेत्र जैसे छत्तीसगढ़, झारखंड , बिहार के संवेदनशील क्षेत्रों, महाराष्ट्र में अति संवेदनशील इलाके गढ़चिरौली और जम्मू एवं कश्मीर के अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र में 21 साल की सेवाएं प्रदान की है ।

156 बटालियन, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल में तैनाती के दौरान उन्होंने 16 उल्फा, केएनएलएफ और एनएससीएन, माओवादियों को आत्मसमर्पण कराने में अहम् भूमिका निभायी है । उन्होंने पश्चिम बंगाल में माओवादियों के मुख्य सरगना किसनजी के एनकाउंटर के साथ-साथ 21 कट्टर माओवादियों को आत्मसमर्पण कराने में भी अग्रणी भूमिका निभाई है । उन्होंने पश्चिम बंगाल और बिहार में 200 माओवादियों को हिरासत में लेने में भी मुख्य रूप से योगदान दिया है ।साथ ही साथ उक्त अधिकारी को अपने उत्कृष्ठ कार्यों के लिए विभिन्न अवसरों पर कई पदकों से नवाजा गया है | इनमें कुछ प्रमुख है :-

▪️ शौर्य चक्र -01 (73 वें गणतंत्र दिवस, 2022 के अवसर पर घोषित)

▪️ सराहनीय सेवा पदक -01
▪️वीरता पदक – 02
▪️ अति उत्कृष्ट सेवा पदक-2020 -01
▪️ महानिदेशक डिस्क-11
▪️प्रशंसा पत्र – 56 (डीजी0, आईजी, कमांडेंट, एसपी और डीएम से प्राप्त)।

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