कोलकाता । एक समय था, जब लघु फ़िल्में (Short Films) किसी खास बौद्धिक वर्ग तक ही सीमित हुआ करती थीं। लेकिन बदलते समय के साथ पिछले कुछ दशकों से इन लघु फिल्मों ने हर परिधि से आने वाले दर्शकों को अपनी ओर खींचा है और अब तो कई मंचों से लघु फिल्मों के लिए विशेष महोत्सव आयोजित होने लगे हैं। इसी कड़ी में, वर्तमान युग की एक ज्वलंत व अत्यंत चिंतनीय विषय पर “क्रियेटिव क्रियेशन्स” (Kreative Kreations) के बैनर तले, निर्माता निर्देशक नरेश चंद्र पांडेय अपनी प्रथम प्रस्तुति लेकर आ रहे हैं “रैकेट” (RACKET)
यह फ़िल्म उन भ्रष्ट चिकित्सकों की आर्थिक लोलुपता से उपजी विकृत बर्बरता को कठघरे में खड़ा करती है, जिन्होंने “अंग-प्रत्यारोण” (Organ Transplantation) जैसी जीवनदायिनी व्यवस्था को “अंग-तस्करी” में बदल डाला है और अपने कारण इस पवित्र पेशे को भी बदनाम कर रखा है। फ़िल्म में बहुत ही कुशलता पूर्वक यह समझाने की कोशिश की गई है कि “अंग प्रत्यारोपण” जीवन देने की पद्धति है, “अंगों का व्यापार’’ करने के लिए नहीं।
फ़िल्म की कथा-पटकथा व संवाद लिखे हैं श्री गोपाल मिश्र ने और तकनीकी पक्ष निखिल तुलसियानी (साउंड डिज़ाइन) और कमल किशमी (सिनेमाटोग्राफी) संभाला है। फिल्म में भूमिकाएं निभाई है रचना पांडेय, हनी खिलवानी, महेश खिलवानी, डॉ. सुनील सूर्यवंशी व अन्य कई साथी कलाकारों ने। मुख्य भूमिकाओं में रचना व हनी ने बहुत ही सशक्त अभिनय का प्रदर्शन किया है, मानों किरदारों को अपने वजूद में पिरो लिया हो। अन्य सभी ने भी अपनी-अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय किया है।