बंगाल में शांति और न्याय के लिए लड़ेगी माकपा : सलीम

कोलकाता मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्य महासचिव मोहम्मद सलीम ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी करीब एक दशक के बाद फिर से ताकतवर होकर उभर रही है और पश्चिम बंगाल में शांति और न्याय स्थापित करने की लड़ाई छेड़ेगी। माकपा की युवा और छात्र इकाई द्वारा आयोजित रैली को संबोधित करते हुए सलीम ने अगले साल राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए युद्धस्तर पर तैयारी करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, ‘‘ 10-11 साल खोल में रहना बहुत होता है, नयी पीढ़ी जग रही है और बंधनों से मुक्त होना चाहती है।गौरतलब है कि माकपा नीत वाम मोर्चे को वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस से हार मिली थी। वाम दल लगातार 34 साल से बंगाल पर शासन कर रहे थे। माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य ने कहा कि पार्टी संगठित तौर पर कानून के दायरे में रहकर लड़ाई लड़ेगी।

वामपंथी पार्टी की युवा इकाई ‘डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (डीवाईएफआई) और छात्र ‘संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआई) संयुक्त रूप से सियालदह, हावड़ा स्टेशन और पार्क स्ट्रीट से जुलूस निकाला और इस दौरान वे ‘‘ अनीस खान (छात्र नेता) को न्याय दो’ के नारे लगा रहे थे। साथ ही रोजगार और उचित शिक्षा की मांग कर रहे थे। यह जुलूस एस्पलेनेड आकर रैली में तब्दील हो गयी।

सलीम ने दावा किया कि पंचायत क्षेत्र में रह रहे लोगों की शिकायतों के लिए माकपा द्वारा शुरू की गई हेल्पलाइन को अपार सफलता मिली है। उन्होंने कहा,‘‘हम और कंप्यूटर खरीद रहे हैं और अतिरिक्त स्वयंसेवकों को शिकायत पंजीकृत करने के लिए संलग्न कर रहे हैं।’’ सलीम ने इंसाफ रैली’ में शामिल होने वालों से अपील की कि जब वे अपने-अपने इलाकों में लौटे तो इस हेल्पलाइन नंबर का प्रचार प्रसार करें।

उन्होंने कहा कि पार्टी हिंसा के खिलाफ शांति के लिए, न्याय के लिए, रोजगार के लिए और शिक्षा व्यवस्था बचाने के लिए लड़ रही। सलीम ने कहा, ‘‘ बंगाल दलालों, लुटेरों या सांप्रदायिक शक्तियों के लिए नहीं है बल्कि यह अन्याय के खिलाफ लड़ाई की भूमि है।’’ माकपा नेता ने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार हवाई अड्डा से लेकर डाकघर तक देश की संपत्तियों को बेच रही है।

यह वह नहीं है जिसके लिए उन्हें प्रधानमंत्री बनाया गया है। न ही ममता बनर्जी को इसलिए मुख्यमंत्री बनाया, जो कार्य वह कर रही हैं।’’ सलीम ने ममता बनर्जी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से साठगांठ करने का आरोप लगाया। तृणमूल कांग्रेस कुछ नहीं बल्कि स्वीमिंगपुल में कूदने के लिए बने मंच की तरह है, जिसने आरएसएस को राज्य में आधार जमाने का मौका दिया।’’

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