पटना : बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो समूचे बिहार में जहां 15 दिनों में संक्रमितों की संख्या दोगुनी हो रही है, वहीं उत्तर बिहार में यह संख्या 15 दिनों में करीब तीनगुनी बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर बिहार में पहला मरीज 22 अप्रैल को पूर्वी चंपारण में मिला था, जबकि अब यहां मरीजों की संख्या 1000 को पार कर चुकी है।
22 मई को उत्तर बिहार में करीब 300 मरीजों की पुष्टि हुई थी। राज्य के बाकी हिस्सों में 15 दिनों में ही कोरोना संक्रमितों की संख्या दोगुनी हो गई। 22 मार्च को दो संक्रमितों की पहचान की गई थी, जबकि 24 मई को संक्रमितों की संख्या 2,500 को पार कर गई थी। 15 दिनों के बाद 8 जून को यह संख्या 5,247 तक पहुंच गई।
27 मई को बिहार में मरीजों की कुल संख्या 3,036 थी जबकि 7 जून को मरीजों की संख्या 5,070 तक पहुंच गई।
विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो प्रतिदिन करीब 175 से 200 मरीजों की पहचान की जा रही है। सरकार का कहना है कि मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि को देखते हुए जांच की गति बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है और अन्य सुविधाएं भी बढ़ाई जा रही हैं।
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए आइसोलेशन बेड की संख्या बढ़ाकर 33 हजार 458 की गई है। कोरोना जांच केंद्रों की संख्या अब 28 हो गई है। उन्होंने दावा किया कि 20 जून से राज्य में 10 हजार सैंपल की प्रतिदिन जांच होने लगेगी। इसी तरह अन्य सुविधाओं में भी बढ़ोतरी की जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना मरीजों को हर स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बिहार को 100 वेंटिलेटर उपलब्ध करा दिया है। राज्य सरकार ने इसकी मांग की थी। उन्होंने कहा कि राज्य के तीन कोविड डेडिकेटेड अस्पताल के अलावा मुजफ्फरपुर के पीकू अस्पताल और पावापुरी मेडिकल कॉलेज के लिए वेंटिलेटर मंगवाया गया है।